Rajasthan Elections: उम्मीदवार को अपराध की कुंडली का देना होगा ब्यौरा और करना होगा प्रचार प्रसार, खर्च में जुड़ेगी राशि
दिल्ली की विशेष अदालत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधीनस्थ अदालत के उन्हें समन जारी कर बुलाने के आदेश को चुनौती दी है। सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान शेखावत की ओर से कहा गया कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी घोटाले में स्पेशल आपरेशन ग्रुप(एसओजी) की जांच में उनके खिलाफ आरोप साबित होने का गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया, जबकि उनका नाम न तो एफआईआर में है और न ही एसओजी के आरोप पत्र में है। केस डायरी में छेडछाड़ का आरोप भी लगाया गया। उधर, गहलाेत की ओर से यह कहा जा चुका है कि उन्होंने राज्य के गृह मंत्री के रूप में बयान दिया, इसके लिए जानकारी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की ओर से उपलब्ध कराई थी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली की अधीनस्थ अदालत में शेखावत की ओर से गहलोत के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया हुआ है।Railway Alert: 11 से 28 दिसंबर तक नहीं चलेंगी कई ट्रेनें, जानिए क्यों
राजस्थान हाईकोर्ट में नहीं हो सकी सुनवाईराजस्थान हाईकोर्ट में शेखावत की ओर से संजीवनी मामले में अपने खिलाफ एसओजी को चार्जशीट दाखिल करने से रोकने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया है, वहीं सरकारी पक्ष ने प्रार्थना पत्र पेश कर शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक का आग्रह किया है। ये दोनों प्रार्थना पत्र शेखावत की ओर से एसओजी कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका के साथ जुड़े हुए हैं। इस याचिका पर सोमवार को न्यायाधीश कुलदीप माथुर की बेंच में सुनवाई होनी थी, लेकिन समयाभाव के चलते सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने अंतरिम राहत का आदेश जारी रखते हुए दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर सुनवाई 23 नवम्बर तक टाल दी। एसओजी ने नोटिस जारी कर शेखावत से उनके बैंक खातों व लेन-देन के विवरण भी मांगा हुआ है।