राज्य उपभोक्ता आयोग ने गत 13 जून को बाडमेर, बूंदी, चितौडगढ़़, चूरू, दौसा, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, करौली, प्रतापगढ़, सीकर और उदयपुर उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष, 21 महिला और 18 पुरुष सदस्यों की नियुक्ति के साथ राज्य उपभोक्ता आयोग के लिए 2 न्यायिक और 2 गैर न्यायिक सदस्य की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की थी। इनके लिए साक्षात्कार गत 20 सितम्बर तक पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन नियुक्तयां नहीं दी गई।
इस बीच 9 जिला न्यायालय में स्थाई लोक अदालत को नियमित कर इन पर अध्यक्ष पद के लिए आगामी 15 व 16 नवम्बर को साक्षात्कार आयोजित किए गए है। इसमें आवेदन करने वाले ज्यादातर अभ्यर्थी वे ही हैं जो जिला उपभोक्ता मंच अध्यक्ष व राज्य आयोग सदस्य के लिए पहले से ही साक्षात्कार दे चुके हैं। इसके चलते जिला उपभोक्ता मंचों में अध्यक्षों की संभावित नियुक्तियां फिर से अटकने की आशंका है।
दो वर्ष पूर्व दिए थे चलपीठ पाक्षिक के आदेश राजस्थान हाइकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन जोधपुर की जनहित याचिका पर 12 फरवरी, 2015 को हुए निर्णय के बाद राज्य सरकार ने 17 मार्च, 2016 को दो अधिसूचना जारी कर जोधपुर व उदयपुर में राज्य आयोग की चल पीठ पाक्षिक करने व इसके लिए एक न्यायिक व एक गैर न्यायिक सदस्य का पद सृजित करने की सहमति प्रदान की, लेकिन करीब दो साल तक कुछ नहीं किया। इस दौरान राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य आयोग व उपभोक्ता मंचों में एकल सदस्य द्वारा पारित आदेशों को निरस्त करते हुए राज्य आयोग व जिला उपभोक्ता मंचों में शीघ्रातिशीघ्र अध्यक्षों व सदस्यों की रिक्तियों को भरने के निर्देश जारी किए।
इनका कहना है ‘जोधपुर सहित कई जिलों में लंबे समय से उपभोक्ता मंच अध्यक्ष व सदस्यों के और राज्य आयोग में न्यायिक सदस्यों के पद तीन वर्ष से अधिक समय से रिक्त पड़े हैं। मई 2018 में जोधपुर के उपभोक्ता मंच प्रथम में पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुलकुमार चटर्जी की नियुक्ति कर दी गई, लेकिन उपभोक्ता मंच द्वितीय के अध्यक्ष राधामोहन चतुर्वेदी के त्यागपत्र देने से अध्यक्ष की कुर्सी फिर से खाली हो गई है।
अनिल भंडारी, उपभोक्ता मामलों के सलाहकार