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जोधपुर

फर्जी डाक्टर का पुत्र निकला दस नम्बरी, असली डाक्टर से शादी कर जिन्दगी कर दी बर्बाद, पूरा परिवार निकला शातिर, 35 से अधिक मामले दर्ज

एक फर्जी डाक्‍टर की चौंकाने वाली कहानी, इतना फर्जी कि पाली पुलिस भी चौंक गई

जोधपुरApr 06, 2020 / 09:34 pm

Sikander Veer Pareek

पाली। पाली जिले में तीन-तीन अस्पताल का संचालक न केवल फर्जी डाक्टर निकला, बल्कि वह और उसका पुत्र शातिर अपराधी निकले हैं। इनके खिलाफ देश भर में धोखाधड़ी के करीब 35 से अधिक मामले दर्ज हैं। संचालक के बेटा तो इतना शातिर है कि उसने कई असली डाक्टर से शादी कर उनकी जिन्दगी बर्बाद कर दी। दिल्ली की एक डेंटिस्ट से शादी कर करीब 70 लाख रुपए ठग लिए। पुलिस के ऊपर फायरिंग के असफल प्रयास के अलावा पुलिस कस्टडी से भागने का मामला भी दर्ज है। दोनों बाप-बेटों ने कई नामों से देश में जगह-जगह धोखाधड़ी की। बाद में पाली जिले में आकर पहले एक निजी चिकित्सालय में सेवाएं दी। यहां कार्यरत रहते हुए कई लोगों से दोस्ती गांठी और फिर स्वयं के एक के बाद एक तीन अस्पताल खोल दिए। अब जब सीएमएचओ की टीम ने कार्रवाई कर पुलिस को सौंपा तो जांच में काले कारनामों की चौंकाने वाली पूरी फेहरिस्त सामने आ रही है। फालना, सादड़ी और सुमेरपुर में अस्पताल चलाने वाला राजेन्द्र जे पाल का असली नाम बृजभूषण कौल है। पुलिस रिमांड पर चल रहे आरोपी से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
फालना, सादड़ी व सुमेरपुर में मां आशापुरा मल्टीस्पेशिलिटी नाम से तीनों अस्पताल का संचालक राजेन्द्र जे पाल फर्जी चिकित्सक निकला। दिल्ली, मुम्बई व हरियाणा से फरार शातिर बदमाश कौल के विरुद्ध फर्जी दस्तावेज निर्माण, धोखाधड़ी, दहेज प्रताडऩा सहित कई प्रकरण दर्ज हैं। आरोपी फर्जी दस्तावेज से नाम बदल कर तीन कस्बों में अस्पताल चलाकर मरीजों से मुंह मांगी कीमत ऐंठ रहा था। तहकीकात में पता चला कि यह हरियाणा के अम्बाला निवासी बृजभूषण कौल पुत्र विद्यालाल कौल हैं जो वर्ष 2010-11 में नई दिल्ली में रह रहा था। इसी दौरान राजेन्द्र जे पाल नाम से उसने फर्जी वोटर आइडी, पेनकार्ड, आधार कार्ड बना लिए। दिल्ली में भी उसने कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की। जिसके विरुद्ध कई प्रकरण दर्ज है। बचने के लिए उसने खुद का और पिता का नाम बदल लिया था। दिल्ली से ऑन लाइन 40 हजार रुपए में खुद और बेटे वरुण के लिए पूना विश्वविद्यालय से एमबीबीएस व मुम्बई विश्वविद्यालय से एमडी की फर्जी डिग्री हासिल की। यहां से देहरादून, सामली, सोनीपत, कैथल, नरवाना, पानीपत सहित विभिन्न जगह चिकित्सक बनकर मरीजों का उपचार किया। बाप-बेटा अपने काले कारनामों से बचने के लिए राजस्थान आ गए। यहां ब्रह्माकुमारी अस्पताल माउंट आबू में सम्पर्क किया, लेकिन नौकरी नहीं मिल पाई। तत्पश्चात वह सुमेरपुर स्थित भगवान महावीर अस्पताल में वर्ष 2018 में एमडी बनकर 11 महीने आंखों में धूल झोंकता रहा। वर्ष 2019 में उसने सुमेरपुर में डीआर मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल खोल दिया। सम्पर्क व पहचान बढ़ाकर उसने फालना व सादड़ी में भी अस्पताल शुरू किए। अस्पताल में लैब, दवाइयां, उपकरण सहित विविध सामग्री खरीद में भी कई लोगों से धोखाधड़ी से निवेश करवाया। कौल का बेटा वरुण भी फर्जीवाड़े में पूरा भागीदार है। वह मनीष चढ्ढा नाम से डॉक्टर बना हुआ था। जबकि उसका असली नाम मनीष कौल है। बाप-बेटे के कारनामों का पर्दाफाश होने के बाद बेटा पत्नी सहित फरार हो गया। बृजभूषण का पुत्र वरूण जनवरी माह में मुम्बई में दर्ज मुकदमे से बचने के लिए फालना आया।

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