फालना, सादड़ी व सुमेरपुर में मां आशापुरा मल्टीस्पेशिलिटी नाम से तीनों अस्पताल का संचालक राजेन्द्र जे पाल फर्जी चिकित्सक निकला। दिल्ली, मुम्बई व हरियाणा से फरार शातिर बदमाश कौल के विरुद्ध फर्जी दस्तावेज निर्माण, धोखाधड़ी, दहेज प्रताडऩा सहित कई प्रकरण दर्ज हैं। आरोपी फर्जी दस्तावेज से नाम बदल कर तीन कस्बों में अस्पताल चलाकर मरीजों से मुंह मांगी कीमत ऐंठ रहा था। तहकीकात में पता चला कि यह हरियाणा के अम्बाला निवासी बृजभूषण कौल पुत्र विद्यालाल कौल हैं जो वर्ष 2010-11 में नई दिल्ली में रह रहा था। इसी दौरान राजेन्द्र जे पाल नाम से उसने फर्जी वोटर आइडी, पेनकार्ड, आधार कार्ड बना लिए। दिल्ली में भी उसने कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की। जिसके विरुद्ध कई प्रकरण दर्ज है। बचने के लिए उसने खुद का और पिता का नाम बदल लिया था। दिल्ली से ऑन लाइन 40 हजार रुपए में खुद और बेटे वरुण के लिए पूना विश्वविद्यालय से एमबीबीएस व मुम्बई विश्वविद्यालय से एमडी की फर्जी डिग्री हासिल की। यहां से देहरादून, सामली, सोनीपत, कैथल, नरवाना, पानीपत सहित विभिन्न जगह चिकित्सक बनकर मरीजों का उपचार किया। बाप-बेटा अपने काले कारनामों से बचने के लिए राजस्थान आ गए। यहां ब्रह्माकुमारी अस्पताल माउंट आबू में सम्पर्क किया, लेकिन नौकरी नहीं मिल पाई। तत्पश्चात वह सुमेरपुर स्थित भगवान महावीर अस्पताल में वर्ष 2018 में एमडी बनकर 11 महीने आंखों में धूल झोंकता रहा। वर्ष 2019 में उसने सुमेरपुर में डीआर मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल खोल दिया। सम्पर्क व पहचान बढ़ाकर उसने फालना व सादड़ी में भी अस्पताल शुरू किए। अस्पताल में लैब, दवाइयां, उपकरण सहित विविध सामग्री खरीद में भी कई लोगों से धोखाधड़ी से निवेश करवाया। कौल का बेटा वरुण भी फर्जीवाड़े में पूरा भागीदार है। वह मनीष चढ्ढा नाम से डॉक्टर बना हुआ था। जबकि उसका असली नाम मनीष कौल है। बाप-बेटे के कारनामों का पर्दाफाश होने के बाद बेटा पत्नी सहित फरार हो गया। बृजभूषण का पुत्र वरूण जनवरी माह में मुम्बई में दर्ज मुकदमे से बचने के लिए फालना आया।