चश्मदीद भी संदेहास्पद उन्होंने अभियोजन के सबसे मजबूत और चश्मदीद गवाह पूनमचंद के माध्यम से पूर्व में न्यायालय में दर्ज हुए बयानों के विरोधाभासी वाक्यों आधार के पर यह साबित करना चाहा कि चश्मदीद गवाह अविश्वसनीय और संदेहास्पद है।
रात के घुप अंधेरे में नंबर प्लेट दिखाई देना असम्भव सलमान के अधिवक्ता सारस्वत ने बहस के दौरान कहा कि कैसे कोई साधारण व्यक्ति रात के घोर अंधेरे में भागती हुई जिप्सी के नम्बर देख सकता है। घटनास्थल से 3000 मीटर दूरी पर भी गवाह को जिप्सी के आगमन और अन्य लोगों की हलचल सुनाई देना, 50-60 परिवारों वाली ढाणी से केवल एक व्यक्ति छोगालाल को ही साथ ले जाना, जिप्सी में आगे बैठे व्यक्तियों को पीठ देखकर पहचान लेने सहित कई ऐसे तथ्य हैं, जो यह साबित करते हैं कि चश्मदीद गवाह पूनमचंद 2-3 अक्टूबर 1998 की आधी रात घटनास्थल पर नहीं था। उसे समझा कर और मैनेज कर के गवाह बनाया गया था।
अंतिम बहस के दौरान
सैफ अली खान , तब्बू और नीलम के अधिवक्ता केके व्यास उपस्थित थे। समय अभाव के कारण बहस सोमवार को पूरी नहीं हो पाई। मामले की सुनवाई मंगलवार यानी आज भी जारी रहेगी। आपको बता दें कि 19 साल से चल रहे इस मामले में सलमान खान व अन्य फिल्मी सितारों पर हम साथ साथ हैं की शूटिंग के दौरान हिरण शिकार के आरोप हैं।