कम उम्र में विवाह से बालिका का शारीरिक विकास रूक जाता है। गंभीर संक्रामक यौन बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है। स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। विवाह के कारण कम उम्र की मॉ और उसके बच्चें, दोनों की जान और सेहत खतरे में पड़ जाती है बाल विवाह के कारण जननांग पूर्ण विकसित नही होने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। कम उम्र की मॉ के नवजात शिशुओं का वजन कम रह जाता है, साथ ही उनके सामने कुपोषण व खून की कमी की भी ज्यादा आशंका है। बाल विवाह की वजह से बहुत सारे बच्चे अनपढ़ और अकुशल रह जाते हैं जिससे उनके सामने अच्छे
रोजगार पाने और बड़े होने पर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने की ज्यादा संभावना नहीं बनती है।
21 वर्ष से कम आयु के लडक़े और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों का विवाह कानूनन प्रतिबंधित है। कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है या करता है या उसमें सहायता करता है। बाल विवाह को बढ़ावा देता है, उसकी अनुमति देता है अथवा बाल विवाह में सम्मिलित होता है, उन्हेें 2 वर्ष तक का कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रुपए तक हो सकता है। अथवा दोनों से दंंिडत किया जा सकता है। बाल विवाह होने की सूचना गा्रम पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति अनुविभागीय दंडाधिकारी पुलिस थाने मेए महिला एवं बाल विकास विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी, कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, संरपच, कोटवार, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 महिला हेल्पलाइन 181 आदि को देने की अपील की है।