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कानपुर

पिछले 14 महीनों में 1363 संक्रमितों की मौत, अप्रैल माह में जलाए गए रिकॉर्ड शव

बढ़ते कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के आगे स्वास्थ्य विभाग खुद संक्रमित हो गया।

कानपुरMay 06, 2021 / 01:58 pm

Neeraj Patel

corona infected patients

1363 corona infected patients deaths in last 14 months

कानपुर. शहर का स्वास्थ्य विभाग कोविड और नॉन कोविड मरीजों को ऑक्सीजन, बेड और बेहतर उपचार उपलब्ध नहीं करा पाया। कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के आगे स्वास्थ्य विभाग खुद संक्रमित हो गया। बेड के लिए भटकते मरीजों ने अस्पतालों के चौखटों और एंबुलेंस में दम तोड़ दिया। बीमार स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ मौतों के आकड़ों को छिपाने में सतर्कता दिखाई है। सरकारी आकड़ों के मुताबिक पिछले 14 महीनों की बात की जाए तो चार मई तक 1363 संक्रमितों की मौत हुई है। भैरवघाट और भगवतदास विद्युत शवदाह गृह में सिर्फ अप्रैल महीने में 1300 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। सरकारी आंकड़ों और वास्तविक आकड़ों में जमीन-आसमान का अंतर है।

स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीम संक्रमितों और स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज होने वाले मरीजों का आकड़ा आसानी से निकाल लेती है। लेकिन मौतों के आंकड़े निकालने में कामयाब नहीं हो पाती है। वास्तविक आकड़ों को छिपाकर स्वास्थ्य विभाग खुद अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रहा है। कानपुर में संक्रमित शवों और लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार भैरवघाट और भगवतदास विद्युत शवदाह गृह में किए जा रहे है। भैरवघाट विद्युत शवदाह गृह में लगी दो इलेक्ट्रानिक भट्ठियां दिन-रात धधकती है।

वहीं भगवतदास विद्युत शवदाह गृह में भी देररात तक शवों का अंतिम संस्कार किया जाता रहा है। भैरवघाट विद्युत शवदाह गृह में एक दिन में 100 से भी अधिक शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे चुके है। विद्युत शवदाह गृह परिसर में ही लकड़ियों से भी अंतिम संस्कार किया गया है, और अभी किया जा रहा है। अप्रैल महीन के बात की जाए तो भैरवघाट विद्युत शवदाह गृह में लगभग 1133 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। भगवतदास घाट में 174 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। पिछले 14 महीनों में संक्रमितों की मौत के आंकड़ों और अप्रैल महीने में सिर्फ विद्युत शवदाह के आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे है। दोनों विद्युत शवदाह गृह में 1300 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।

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भ्रमित करने वाले हैं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में श्मशान घाटों पर बड़ी संख्या में शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे थे। मृतकों के परिजनों को अंत्येष्टी स्थल पर चिता लगाने की जगह नहीं मिल रही थी। सूर्यअस्त के बाद देर रात तक शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। फिलहाल यह सिलसिला अभी जारी है। श्मशाम घाटों पर हुए अंतिम संस्कारों की कहीं कोई गिनती नहीं है। कानपुर में बीते 14 महीनों में कोरोना से जान गंवाने वाले मरीजों के आकडे और सिर्फ अप्रैल महीने में विद्युत शवदाह गृह में हुए शव अंतिम संस्कार के आकड़ों में जमीन-आसमान का अंतर है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े भ्रमित करने वाले है। अप्रैल महीने में विद्युत शवदाह गृह और श्मशान घाटों में रेकॉर्ड शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे थे।

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