अब कोई भूखा नहीं सोएगा
कमल उत्तम कहते हैं कि 21 दिन के लाॅकडाउन होने से दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक, फैक्ट्रियों में काम करने वाले और झुग्गी झोपड़ियों में जिदगी गुजार रहे लोगों के सामनें विकराल समस्या खड़ी हो गई है। इन लोगों की समस्याओं को देख हमने तय कर लिया कि अब कोई भूखे पेट नहीं सोएगा। घर पर भोजन बनाकर इन्हें खुद देकर आते हैं। साथ माॅस्क के अलावा बीमारों को अस्पताल ले जाकर इलाज करवाते हैं।
अन्य व्यापारी भी साथ में आए
कमल के साथ कानपुर साउथ के दर्जनों व्यापारी भी इस जंग में साथ देने के लिए सड़क पर उतर चुके हैं। सुबह के वक्त अपने-अपने घरों से भोजन लाकर गरीबों को खिलाते हैं और कोरोना से बचाव के उपाए भी बताते हैं। कमल कहते हैं कि भारत वह देश है तो बड़ी से बड़ी समस्या का सामना करने में सक्षम है । देश की 135 करोड़ आवाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर खरे उतरेंगे। घर पर रहकर कोरोना को हराएंगे।
सरकार के दिशानिर्देश का पालन
कमल बताते हैं कि गरीबो को भोजन देते वक्त सरकार के दिशा निर्देश का पूरी तरह से पालन किया जाता था। एक मीटर की दूरी तय करने के बाद ही गरीबों को खाना देते हैं। हमारे अन्य व्यापारी साथी सड़क पर खड़े लोगों को प्यार से कोरोना वायरस के बारे में उन्हें समझाते हैं और तत्काल घर जाने को कहते हैं। कमल बताते हैं कि समय मिलने पर हमलोग अपने-अपने मोहल्लों में जाकर लोगों को एकांतवास रूपी दवा भी बांट रहे है।
इस वजह से सड़क पर उतरे
कमल उत्तम का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीबो व मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराने की बात कही थी। उनकी बातों से प्रेरित होकर कानपुर साऊथ में कई जगहों पर मजदूरों और गरीब बच्चो को मास्क पहनाने के बाद लंच पैकेट दिए गए है। कमल ने बताया कि यसे मुहिम पूरे 21 दिन तक चलेगी और यदि आगे भी सरकार लाॅकडाउन का फैसला करती है तो हम इसी तरह से गरीबों को मदद करते रहेंगे।