कानपुर. घाटमपुर पावर प्लांट से उत्तर प्रदेश के बहुत से घरों में रोशनी फैलने जा रही है। अगर उत्तर प्रदेश सरकार रिक्वेस्ट करे तो हम इस परियोजना की शत प्रतिशत बिजली देने को तैयार हैं। यूपीए सरकार टू के कार्यकाल में घाटमपुर में पॉवर प्लांट की नींव रखी गई थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रकाश जायसवाल ने 11 जून 2012 को इस परियोजना का शिलान्यास किया था। लेकिन चार साल से अधिक समय हो जाने के बाद परियोजना धरातल पर नहीं उतर सकी, जिसके लिए यूपीए सरकार जिम्मेदार है। यह बात घाटमपुर के सजेती स्थित यमुना तट पर गुरुवार को 1980 मेगावाट पावर प्लांट का शिलान्यास के दौरान केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल ने कही।
चुनावी हथकंडे के लिए रखी थी अधारशिला
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केवल चुनावी हथकंडे के लिए परियोजना का शिलान्यास किया गया था। 2014 में राजग की सरकार आने के बाद परियोजना का नए सिरे से खाका खीचा गया और 2016 तक इसकी पहली ईकाई चालू कर दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। अगर प्रदेश सरकार रिक्वेस्ट करती है तो हम शत प्रतिशत बिजली देने को तैयार हैं। बताते चलें कि घाटमपुर पॉवर प्लांट की प्रस्तावित क्षमता 1980 मेगावाट है। जिसका नियमत 25 प्रतिशत हिस्सा केन्द्र सरकार को देना होता है। मंत्री ने भूमि पूजन, दीप प्रज्जवलित व बटन दबाकर पॉवर प्लांट को हरी झण्डी दी। इस अवसर पर सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी, देवेन्द्र सिंह भोले, विधायक सतीश महाना, जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी आदि मौजूद रहें।
पहले मुआवजा फिर अधिग्रहण
सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि इस परियोजना के लिए लगभग नौ गांवों के किसानों की 828 हेक्टेयर जमीन ली गई है। लहुरीमऊ गांव के किसानों को छोड़कर सभी का मुआवजा अधिग्रहण करने के पहले दे दिया गया है। इसके पूर्ववर्ती सरकार ने चुनावी हथकंडे के चलते केवल शिलान्यास किया था, इस पर कोई आधिकारिक काम नहीं किया गया है।
17237.80 करोड की लागत होगा प्रोजेक्ट
हमीरपुर रोड पर 1980 मेगावाट के ताप पावर प्लांट का निर्माण किया है। इस प्लांट में 660 मेगावाट की तीन अलग-अलग यूनिट बनाई जाएंगी। इस परियोजना की कुल लागत करीब 17237.80 करोड़ रुपए रखी गई है। पावर प्लांट में न्यूनतम प्रदूषण और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ पर्यावरण को देखते हुए संयंत्र लगाया जाएगा। नेयवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन और यूपी विद्युत उत्पादन निगम के बीच बने संयुक्त उपक्रम को नेयवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड का नाम दिया गया है। यहां उत्पादन होने वाले करीब 75 विद्युत से यूपी को सप्लाई की जायेगी। यह पावर प्लांट 2020 तक शुरू हो जाएगा।