मरीजों के नए लक्षण देखकर डॉक्टरों का मानना है कि मौसम बदलने के साथ वायरस भी नए रूप में संक्रमित कर रहा है। बच्चों और वयस्कों में एक ही तरह का वायरस संक्रमित कर रहा है, मगर उनमें लक्षण अलग-अलग हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष वाजपेई के मुताबिक बच्चे तापमान के बदलाव को जल्दी सहन नहीं कर पाते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम वाले बच्चों को एक साथ कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं। मगर इस समय गले में सूजन और खांसी की शिकायत वाले बच्चे अधिक आ रहे हैं। लोग मेडिकल स्टोर से खांसी का सिरप लाकर पिला रहे। नुकसान संभव है। डॉक्टरों की राय पर ही दवाएं दें।
शहर के घनी आबादी वाले इलाकों में चिकनपॉक्स भी फैल रहा है। ग्वालटोली क्षेत्र में कई गलियों में चिकनपॉक्स से बच्चे पीडि़त है। आरोग्यधाम ग्वालटोली के होम्योपैथिक डॉक्टर हेमंत मोहन के मुताबिक गंदगी और चोक नालियां इस वायरस को खुराक देती हैं। वायरस से बचाव की दवा होम्योपैथिक में है।
एंटीबायोटिक से रहें दूर
सर्दी-जुकाम होने पर खुद न करें इलाज सामान्य फ्लू के सभी लक्षण मरीजों में एक साथ मिल रहे हैं। इस कारण मरीजों को 10 दिन तक परेशान रहना पड़ रहा है। मेडिसिन विभाग के प्रो. जेएस कुशवाहा का कहना है कि सर्दी-जुकाम होने पर खुद इलाज नहीं करें। एंटीबायोटिक नहीं खाएं। हाथ धुलने की आदत डालें। इस समय जटिल वायरस सक्रिय है जो गले में संक्रमण कर रहा है। इससे पूरा श्वसन तंत्र प्रभावित हो जाता है।