जनपद कानपुर देहात के रुरा कस्बे में कलाम फाउंडेशन के तत्वाधान में हुए इस कार्यक्रम के दौरान यह दिन पूर्णत: बच्चों के लिए समर्पित रहा लेकिन मुख्य तिथि के रूप में जिलाधिकारी कानपुर देहात और उप जिलाधिकारी के न पहुँचने पर लोगों में मायूसी छाई रही। बता दें कि इस दिन विशेष रूप से बच्चों के लिए कार्यक्रम एवं खेल-कूद से जुड़े आयोजन होते हैं। इस बीच उपस्थित मास्टर ट्रेनर राज्यपाल से सम्मानित शिक्षक नवीन दीक्षित ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, वे ऐसे बीज के समान हैं, जिन्हें दिया गया पोषण उनके विकास और गुणवत्ता निर्धारित करेगा। यही कारण है कि इस दिन बच्चों से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे शिक्षा, संस्कार, उनकी सेहत, मानसिक और शारीरिक विकास हेतु जरूरी विषयों पर विचार विमर्श किया जाता है।
कई स्कूलों व संस्थानों में बाल मेला एवं प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं, ताकि बच्चों की क्षमता और प्रतिभा को और बढ़ावा मिले। इस दिन विशेष रूप से गरीब बच्चों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने एवं बाल श्रृम एवं बाल शोषण जैसे गंभीर मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया जाता है। बच्चे नाजुक मन के होते हैं और हर छोटी चीज या बात उनके दिमाग पर असर डालती है। उनका आज, देश के आने वाले कल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए उनके क्रियाकलापों, उन्हें दिए जाने वाले ज्ञान और संस्कारों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। बच्चों को सही शिक्षा, पोषण, संस्कार मिले यह देशहित के लिए बेहद अहम है, क्यों बच्चे ही देश का भविष्य हैं।