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कानपुर

यहां के बच्चों में दिखा चाचा नेहरू के प्रति बेहद प्रेम, दिखाए अनूठे करतब

बालदिवस के अवसर पर जिले के रूरा नगर में लगे मेले में नन्हे मुन्ने बच्चों ने जमकर मेले का लुत्फ उठाया। वहीं बच्चों ने नेहरू चाचा के प्रेम का एहसास कराया।

कानपुरNov 15, 2018 / 11:34 pm

Arvind Kumar Verma

baldiwas

यहां के बच्चों में दिखा चाचा नेहरू के प्रति बेहद प्रेम, दिखाए अनूठे करतब

कानपुर देहात-सभी जानते हैं कि 14 नवंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन पर बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। क्योंकि उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे। इस दिन कानपुर देहात के रूरा कस्बे में बाल दिवस के मौके पर कलाम फाउंडेशन नामक संस्था द्वारा यहां कई स्कूलों के बच्चों को एकत्रित कर बाल मेला का आयोजन किया गया। मेले में तरह-तरह के झूले, कठपुतली नृत्य और जादू ने बच्चों का खूब मनोरंजन व उत्साहवर्द्धन किया। यहां मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी कानपुर देहात को आमंत्रित किया गया था। जिलाधिकारी के कार्यक्रम में न पहुंचने पर आयोजकों ने मेले का शुभारंभ स्थानीय थानाअध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राठी को आमंत्रित कर फीता कटवाकर कराया। कलाम फाउंडेशन द्वारा चलाए गए इस प्रोग्राम को देखने के लिए सैकड़ों की तादाद में लोग जमा हुए और बच्चों ने मेले के माध्यम से अपनी दुकानें सजाकर बाल दिवस को और भी खुशनुमा बना दिया।
जनपद कानपुर देहात के रुरा कस्बे में कलाम फाउंडेशन के तत्वाधान में हुए इस कार्यक्रम के दौरान यह दिन पूर्णत: बच्चों के लिए समर्पित रहा लेकिन मुख्य तिथि के रूप में जिलाधिकारी कानपुर देहात और उप जिलाधिकारी के न पहुँचने पर लोगों में मायूसी छाई रही। बता दें कि इस दिन विशेष रूप से बच्चों के लिए कार्यक्रम एवं खेल-कूद से जुड़े आयोजन होते हैं। इस बीच उपस्थित मास्टर ट्रेनर राज्यपाल से सम्मानित शिक्षक नवीन दीक्षित ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, वे ऐसे बीज के समान हैं, जिन्हें दिया गया पोषण उनके विकास और गुणवत्ता निर्धारित करेगा। यही कारण है कि इस दिन बच्चों से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे शिक्षा, संस्कार, उनकी सेहत, मानसिक और शारीरिक विकास हेतु जरूरी विषयों पर विचार विमर्श किया जाता है।
कई स्कूलों व संस्थानों में बाल मेला एवं प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं, ताकि बच्चों की क्षमता और प्रतिभा को और बढ़ावा मिले। इस दिन विशेष रूप से गरीब बच्चों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने एवं बाल श्रृम एवं बाल शोषण जैसे गंभीर मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया जाता है। बच्चे नाजुक मन के होते हैं और हर छोटी चीज या बात उनके दिमाग पर असर डालती है। उनका आज, देश के आने वाले कल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए उनके क्रियाकलापों, उन्हें दिए जाने वाले ज्ञान और संस्कारों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। बच्चों को सही शिक्षा, पोषण, संस्कार मिले य‍ह देशहित के लिए बेहद अहम है, क्यों बच्चे ही देश का भविष्य हैं।

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