scriptBank Locker Case Exposed: ये कैसा खुलासा, न बरामदगी और न गिरफ्तारी, क्यों सवालों से बच रहे अफसर | Police Exposed Bank Locker Case But not Show Any Proof | Patrika News
कानपुर

Bank Locker Case Exposed: ये कैसा खुलासा, न बरामदगी और न गिरफ्तारी, क्यों सवालों से बच रहे अफसर

Bank Locker Update: उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुई बैंक लॉकर की चोरी मे सभी लॉकर ग्राहकों को दहशत में डाल दिया था। हालांकि पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया। लेकिन सवाल पुलिस पर खड़े हो रहे कि पुलिस ने खुलासा तो कर दिया लेकिन न तो बरामदगी दिखाई और न आरोपियों की गिरफ्तारी।

कानपुरApr 09, 2022 / 11:02 am

Snigdha Singh

Police Exposed Bank Locker Case But not Show Any Proof

Police Exposed Bank Locker Case But not Show Any Proof

सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया में नौ लॉकरों से करोड़ों के जेवरात चोरी होने की घटना का पुलिस ने जल्दबाजी में खुलासा तो कर दिया। अधूरी जानकारियों के साथ यह ऐसा खुलासा है, जिसमें न तो आरोपितों की गिफ्तारी की गई है और न ही चोरी हुए जेवरातों की के बारे में कुछ जानकारी है। पुलिस के पास आरोपितों के इकबालिया बयान के आधार पर घटना कॊ लेकर सिर्फ एक कहानी है। जिसके आधार पर पूरा खुलासा कर दिया गया। क्या ये कहा जा सकता है कि पुलिस ऊपर से मंत्रियों से लेकर अधिकारियों के दबाव में आकर जल्दबाजी में खुलासा कर दिया। यदि सही खुलासा किया है तो मीडिया के सवालों से अफसर क्यों बच रहे हैं। ये सवाल सिर्फ हमारे नहीं बल्कि सभी पाठकों के भी हैं।
घटना में पुलिस शुरू दिन से ही लॉकर इंचार्ज शुभम मालवीय को रडार पर लिए था। डीसीपी ईस्ट के मुताबिक उसे कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया मगर वह अब तक पुलिस के सामने नहीं आया। शुभम ने एंटीसिपेटरी बेल के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र भी दिया है। डीसीपी के मुताबिक उसकी तलाश जारी है। एक टीम को प्रयागराज उसके मूल निवास पर भी भेजा गया है। डीसीपी ने दावा किया कि आरोपितों को बैंक लॉकर रूम में ले जाकर पहचान कराई गई तो उन्होंने सभी पीड़ितों के लॉकर की पहचान कर ली। वहीं पुलिस ने यह भी दावा किया कि एक लॉकर धारक के लॉकर से कुछ पैसा भी गायब हुआ था। हल्ला मचने पर कुछ पैसा उसमें से बैंक द्वारा वापस भी किया गया।
यह भी पढ़े – कानपुर में बैंक लॉकरों से हुई करोड़ों की जेवर चोरी का हुआ खुलासा

छापेमारी में दो महिलाओं को उठाया

पुलिस ने चन्द्रप्रकाश को 300 ग्राम सोना दिए जाने की बात कबूली। उसी सोने की बरामदगी के लिए शहर और दक्षिण शहर को मिलाकर दो दर्जन सर्राफा कारोबारियों के यहां छापेमारी की गई। जिसमें से दो सर्राफा के यहां से चार लोगों को उठाया गया है। पुलिस ने बर्रा से दो महिलाओं को भी उठाया जो कि चन्द्रप्रकाश के सम्पर्क में थी। सूचना है कि सोना बेचकर इन्हें भी कुछ पैसे दिए गए थे।
कमेटी को लिखाया निष्प्रयोज्य लॉकर और खोल डाले असली

डीसीपी इस्ट प्रमोद कुमार ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ में उन्होंने जेवरात चुराने का बड़ा शातिराना तरीका बताया। 9 दिसम्बर को जब निष्प्रयोज्य लॉकर तोड़े जा रहे थे। तो उसके लिए एक कमेटी वहां पर मौजूद थी। जिसमें बैंक के मैनेजर राम प्रसाद, लॉकर इंचार्ज शुमभ मालवीय, एडवोकेट लालमणि मिश्रा, कमलेश मिश्रा, अब्दुल वसीम खान, रितिका मोला और स्वाती महेश्वरी शामिल थे। इन्हीं की मौजूदगी में निष्प्रयोज्य लॉकरों को तोड़ा गया था। उस दौरान आरोपित चन्द्र प्रकाश ने अपने साथियों के साथ मिलकर 9 ऐसे लॉकर चिन्हित किए जो प्रयोग में थे। उन्हें तोड़ा उसमें से माल निकाल लिया मगर कमेटी को उन लॉकरों का नम्बर लिखवाया जो निष्प्रयोज्य थे।
यह भी पढ़े – बेफिक्र होकर रखिए लॉकर में सोना, डीआईसीजीसी देगी कवर

पुलिस पर खड़े हो गए ये सवाल

– सोने का बंटवारा बाकी के आरोपितों में किस अनुपात में हुआ था।
– देर रात तक पुलिस गिरफ्तारी की बात से इंकार करती रही और सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ की बात भी कही।

– पुलिस ने अभियुक्तों को पेश नहीं किया गया, न ही उनसे घटना को लेकर कोई जानकारी दी गई
– मैनेजर और लॉकर इंचार्ज के पास से पुलिस कोई सोने की बरामदगी नहीं दिखा पाई। न ही यह बताया कि चोरी के बाद इन दोनों को कितना सोना मिला था

नियम को रखा ताक पर
डीसीपी के मुताबिक बैंक प्रबंधन ने ब्रेक ओपन नियम को ताक पर रखकर 9 दिसम्बर की कार्रवाई की। इसकी कमेटी में दो सीनियर मैनेजर, एक लीगल एडवाइजर, दो इंडीपेंडेंट विटनेस (बैंक के ग्राहक न हो) होना अनिवार्य है। मगर ऐसा नहीं किया गया।
यह भी पढ़े – कभी भारत बोफोर्स कंपनी से खरीदता था अस्त्र शस्त्र, अब बोफर्स को पसंद आई देसी ‘सारंग’

नए सिरे से होगी लॉकरों की सुरक्षा

अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने भी आरबीआई के रीजनल डायरेक्टर और सेन्ट्रल बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि बैंक लाकरों की सुरक्षा के लिये सीसीटीवी, सुरक्षा गार्ड एवं लाकरों का निरीक्षण, परीक्षण बैंक अधिकारियों द्वारा स्थानीय थाना के साथ समन्वय बनाते हुए अगले 48 घंटों के अंदर पूरा कर लिया जाए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो