फौजी और थानाध्यक्ष में इस तरह हुई बहस दरअसल डेरापुर पुलिस पलिया गांव पहुंचती है। मामला गांव के ही युवक धर्मेंद्र यादव का था, डेरापुर थाना पुलिस को किसी मामले में उसकी तलाश थी, लेकिन वह अपने घर में नहीं मिला। जिसके चलते पड़ोस में रहने वाले फौजी सर्वेश यादव से डेरापुर एसओ राम बहादुर पाल ने पूछा कि धर्मेंद्र को देखा है। वहीं सर्वेश ने अपनी फौजी वाली भाषा में बोलते हुए कहा कि मेरे को क्या मालूम, मैं थोड़ी ना उसके घर में रहता हूं। यह बात थानाध्यक्ष डेरापुर को नागवार गुजरी। इस पर वहां पर फौजी के साथ कहासुनी हो गई। बताया गया कि मामला बिगड़ते देख थानाध्यक्ष डेरापुर ने अतिरिक्त पुलिस फोर्स गांव बुला लिया और फौजी के साथ मारपीट करते हुए उसे जबरन अपनी गाड़ी में बिठाकर गांव से ले जाने लगे।
घटना का वीडियो हुआ वायरल तो मचा हड़कंप इस पूरी घटना को गांव के एक शख्स द्वारा वीडियो बनाकर वायरल कर दिया गया। वहीं अब सर्वेश यादव की बात करें तो इस समय वह हैदराबाद में इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में तैनात है, जो कि एक माह की छुट्टी पर घर आया था। पूरे मामले में प्रत्यक्ष दर्शियों की बात की जाये तो लोगो ने इस घटना की दबी जुबान से निन्दा की है। लोगों में चर्चा रही कि पूरे देश में जहां एक ओर मातम का माहौल है। फौजियों के सम्मान में सभी लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। अभी तक शहीद जवानों की चिता ठंडी भी नहीं हुई थी कि जनपद की डेरापुर पुलिस का यह कारनामा पूरे पुलिस महकमे को आईना दिखाता नजर आ रहा है। जिसके चलते एसओ डेरापुर रामबहादुर पाल पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है।
बोले जिले के पुलिस कप्तान वहीं इस मामले में पुलिस अधीक्षक राधेश्याम ने बताया कि डेरापुर पुलिस एक प्रार्थना पत्र की जाँच करने पहुंची थी। वहीं फौजी सर्वेश से धर्मेन्द्र को पूछने की बात को लेकर बहस हो गई, जिसमें पुलिस फौजी सर्वेश को लेकर थाने आई और 151 में चालान कर 2 घंटे बाद ही थाने से ही छोड़ दिया गया। साथ ही क्षेत्राधिकारी को जाँच के आदेश भी दिए है, जो तथ्य सामने आएंगे, उनके हिसाब से कार्यवाही की जायेगी।