संत जगदीशानंद ने गणेश वंदना के साथ गुरू की महिमा का बखान किया। उन्होंने कहा कि गुरू के बिना व्यक्ति का जीवन अनियंत्रित और विवेकहीन हो जाता है। कार्यक्रम में साध्वी बुद्धोबाई, संत शीशराम कटारा, केशवदास, मीराबाई आदि संत साध्वियों ने बताया कि दिन की शोभा सूर्य की किरणों से, रात्रि की शोभा चांद सितारों से, नदी की शोभा बहते जल से, नारी की शोभा पतित्व से, पुरूष की शोभा सद्कर्म व उज्वल चरित्र से और वाणी की शोभा भगवान के नाम स्मरण से ही होती है।
संतों ने वर्तमान समय में लोगों में बढ़ते राग द्वेष, ईष्र्या आदि दुर्विचारों पर चिंता व्यक्त की। इसे पतन का मार्ग बताते हुए इन सभी दुर्गुणों त्यागने की बात कही। केशवदास महाराज, साध्वी सहजोबाई, बदनदास मूडिया आदि संतों ने भी प्रवचन दिए। इससे पहले विशेष पूजा कार्यक्रम में संयोजक कैप्टन रतन सिंह, बच्चू सिंह हललदार, बहादुर सेठ, कैप्टन भरत सिंह, सरपंच संघ के तहसील अध्यक्ष हंसराज गुर्जर, भीम सिंह सूबेदार, जगदीश मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सूबेदार रामनिवास, मास्टर नरेश खटाना, ट्रस्ट के व्याख्याता रामभरोसी खटाना, रमेश खटाना आदि बारह गांवों के प्रमुख पंच पटेलों ने पूजन किया। समारोह में पधारे संतजन व साध्वियों का चरण वंदना व सम्मान कर आशीर्वाद लिया। समारोह में जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मुरारीलाल गुर्जर, कैमरी परिक्षेत्र के बारह गांवों के लोग मौजूद रहे।