सेवा की मिसाल बनीं इन नर्सों की मेहनत का ही परिणाम रहा कि मार्च 2020 से अप्रैल 2021 के बीच 13 माह में 5 हजार 58 महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हुआ। बड़ी बात यह है कि इसमें 4 हजार 124 महिलाओं की नार्मल डिलेवरी हुई। 934 की स्थिति क्रिटिकल होने के बाद ऑपरेशन की जरूरत पड़ी।
अंतर्राष्ट्रीय नर्स डे पर बात कोरोना संक्रमण की परवाह नहीं करते हुए एक साल से ज्यादा समय से कोविड-19 वार्ड, प्रसुता वार्ड और दूसरे वार्ड में ड्यूटी करने वालीं नर्सों की। दुर्गा पटैल, पायल बिसेन, रश्मि जायसवाल, रागिनी शर्मा, नीतू वर्मा, मीनू पटेल, सरिता पिल्लै, किरण वर्मा, ज्योति लिल्हारे, महिमा यादव, राजीव बागरी, एंजेलिना हर्बट, अल्का पटेल, आलिब जार्ज व शोभना बेंजामिन बतातीं हैं कि अस्पताल में मरीज के आने के बाद उनके मन में कोविड संक्रमण की नहीं बल्कि चिंता इस बात की रहती है कि वे जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं।
अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में कोविड-19 पॉजिटिव महिला का प्रसव के दौरान सुरक्षित ऑपरेशन करने वाली डॉ. सुनीता वर्मा के साथ नर्स दुर्गा पटेल बतातीं हैं कि 13 माह के दौरान ज्यादातर नर्स कोरोना से संक्रमित हुईं। दस दिन इलाज लेने के बाद वापस ड्यूटी में आ गईं। अस्पताल में क्षमता से कई गुना ज्यादा मरीज होने के बाद भी नर्सें ड्यूटी से पीछे कदम नहीं हटाती हैं। पूरी तन्मयता से सेवा में जुटीं रहती हैं।