अधिकारी-कर्मचारियों के कथन लिए
डीके मिश्रा अधीक्षण यंत्री छिदवाड़ा जांच अधिकारी बनाकर भेज गए थे। बताया जा रहा है कि दोनों दिनों तक अधिकारी ने जांच और फाइलों की जांच सहित अधिकारी-कर्मचारियों के कथन लिए हैं। जांच में गड़बड़ी पाया जाना बताया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह रही कि जब जांच अधिकारी के आने की खबर मीडिया को लगी और शुक्रवार को जल संसाधन विभाग के कार्यालय पहुंचे। कार्यपालन यंत्री आरके खुराना से जांच के संबंध में बात पूछी वैसे ही वे बोले मीडिया को सबकुछ पता है, इसमें मैं कुछ नहीं कह पाऊंगा। इतना कहकर अपनी कुर्सी छोड़कर बाहर निकल गए और विभाग में हुई गड़बड़ी पर कुछ भी कहने से बचते रहे। उल्लेखनीय है कि पांच हजार रुपये से ऊपर के काम के लिए निविदा की आवश्यकता होती है, इससे बचने के लिए कम-कम राशि का स्टीमेट बनाया और बिल-बाउच रे भ्रष्टार कर लिया।
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कम्प्यूटर ऑपरेटर की भी जांच
शिकायत में यह भी बताया गया था कि कार्यालय में एक महिला कम्प्यूटर ऑपरेटर की भर्ती हुई है, लेकिन वहां पर अधिकारी की सांठगांठ से एक व्यक्ति काम करता है। जांच में इस बात की पुष्टि भी हुई है। अधिकारी ने यह तर्क दिया है कि महिला कम्प्यूटर ऑपरेटर की तबियत खराब होने के कारण किसी दूसरे व्यक्ति से काम लिया गया है। वहीं अधिकारी का गुपचुप तरीके से जांच करने पहुंचना भी चर्चाओं पर रहा। बताया जा रहा है कि विभाग के अधिकारियों ने जांच अधिकारी को सर्किट हाउस व रेस्ट हाउस में रुकवाने की बजाय शहर के एक अलीशान होटल में ठहराया गया।
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इनका कहना है
मीडिया को तो सब पता है क्या चल रहा है क्या नहीं। जब 12 से 15 लाख का बजट ही था तो फिर 40 लाख का भ्रष्टाचार कैसे संभव है। अधिकारी जांच करने आए थे। जांच में क्या हुआ यह नहीं बता सकता।
आरके खुराना, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग।
शिकायत के संबंध में मेरे द्वारा दो दिन जांच की गई है। काम तो कराए गए हैं, लेकिन यह पाया गया कि विभाग ने एक ही ठेकेदार से काम कराए हैं। यह कैसे हो गया इस संबंध में पूछताछ की गई है। दो दिन बाद जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपा जाएगी।
डीके मिश्रा, जांच अधिकारी व एसइ छिंदवाड़ा।