दो दिन का ही समय शेष
संबल योजना में 36 हजार हितग्राहियों में से सरकार ने यह पाया है कि कई अपात्रों के नाम जुड़े हैं। इसमें पार्षद के रिश्तेदार, अधिकारियों के करीबी, यहां तक कि इंकम टैक्स भरने वाले लोगों का नाम भी वोट बैंक की राजनीति के चलते शामिल कर दिया गया था। अपात्रों को इस नया सवेरा योजना से अलग करने के लिए सरकार मुहिम चला रहा है। 15 सितंबर तक पूरी प्रक्रिया के आदेश हैं। बावजूद इसके नगर निगम प्रशासन बेपरवाह बना हुआ है। 30 अगस्त तक यह प्रक्रिया पूरी हो जानी थी, इसके बाद भी अबतक 5 फीसदी काम नगर निगम ने पूरा नहीं किया।
कलेक्टर ने सहायक श्रम अधिकारी को बैठाया
बताया जा रहा है कि लेबर सिकेट्री नगर निगम में नया सवेरा योजना में चल रही धीमी गति पर नाराजगी जाहिर की। इस पर बुधवार को कलेक्टर एसबी सिंह ने सहायक श्रम अधिकारी गौतम को नगर निगम भेजा। गौतम ने नगर निगम में रिपोर्ट लेकर आठ कम्प्यूटर सिस्टम में अपडेशन का काम शुरू कराया। बताया जा रहा है कि सहायक श्रम अधिकारी ने कलेक्टर को रिपोर्टिंग की है कि नया सवेरा योजना की नोडल अधिकारी संध्या सरयाम काम में रुचि नहीं ले रहीं।
खास-खास:
– नया सेवरा योजना सत्यापन में लगे थे नगर निगम के 90 कर्मचारी, जो 45 वार्डो में कर रहे थे सर्वे, 4 एसआइ भी कर रहे थे मॉनीटरिंग।
– वार्ड दरोगाओं द्वारा सर्वेक्षण का काम समय पर पूरा नहीं किया गया, आयुक्त ने भी मॉनीटरिंग नहीं की, पत्र जारी करने की ही पूरी की औपचारिकता।
– इसमें हितग्राही श्रमिक का आधार कार्ड, इ-केवायसी उपरांत सीडिंग व मोबाइल नंबर दर्ज होना है।
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हितग्राही को यह मिलना है लाभ
कांग्रेस सरकार की नया सबेरा योजना में पूर्व की सरकार द्वारा बनाई गई संबल योजना की तरह ही कई तरह के लाभ हितग्राही को मिला है। इसमें शिक्षा प्रोत्साहन, सरल बिजली, संस्थागत प्रसव व जांच, सामान्य मौत, दुर्घटना, स्थायी अपंगता, अंत्येष्टि आदि के लिए आर्थिक मदद भी मिलनी है। इस बेपरवाही से अबतक यह तय नहीं हो पा रहा है कि यह इस योजना के लिए हितग्राही पात्र है कि नहीं।
इनका कहना है
सत्यापन और अपडेशन की गति धीमी है। एक माह से प्रक्रिया चल रही है। काम में तेजी आए इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। पोर्टल में तकनीकी समस्या के चलते भी कुछ दिक्कत जा रही है।
संध्या सरयाम, सहायक आयुक्त, नगर निगम।