यह रहेगा अंकों का गणित
इस अभियान में हर गांव कस्बा तभी स्वच्छता में खरे माने जाएंगे जब अंक तालिका में पास होंगे। इसमें शौचालय की उपलब्धता, शौचालय के उपयोग पर 5-5 अंक, सार्वजनिक स्थलों पर प्लास्टिक कूड़े के सुरक्षित निपटान की स्थिति में 10 अंक, सार्वजनिक स्थलों पर जमा हुआ बेकार पानी के सुरक्षित निपटान की स्थिति में 10 अंक व 35 अंक अभिमत के शामिल किए गए हैं। जिसमें ग्रामसभा और समूहिक चर्चा के 20, ऑनलाइन के तहत प्रक्रिया के पांच व व्यक्तिगत साक्षातकार के 10 अंकर शामिल किए गए हैं।
ऐसे मिलेंगे अंक
इस अभियान के तहत स्वच्छता के हकीकत को भांपने के लिए तीन घटकों को शामिल किया गया है। इसमें 35 अंक जनता से मिले अभिमत पर दिए जाएंगे। विभागों द्वारा स्वच्छता के प्रति चलाई जा रही सेवाओं व लक्ष्यों के आधार पर 35 प्रतिशत अंक मिलेंगे और 30 अंक प्रत्यक्ष अलोकन के मिलेंगे। जिसमें दिल्ली से आई स्वच्छता टीम तय करेगी। इस योजना के तहत जनपद अध्यक्ष कटनी कन्हैया तिवारी ने अधिकारी-कर्मचारी व ग्रामीणों ने मोबाइल एप पर फीडबैक दिया। इस दौरान पंचायत समन्वयक योगेंद्र कुमार असाटी, बीसी जग्गी पटेल, प्रमोद पटेल, अमित पटेल आदि मौजूद रहे।
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यह है योजना का उद्देश्य
– सभी गांव, जिला एवं राज्यों की राष्ट्रीय स्वच्छता रैकिंग जारी करना।
– प्रचार-प्रसार एवं जन अभियान चलाकर स्वच्छता की स्थिति में सुधार लाना।
– कार्यक्रम में सुधार के लिए आम जनता का सुझाव जानना, जनता का अभिमत जानना।
– चुनिंदा ग्रामों में सर्वेक्षण दल द्वारा स्वच्छता स्थिति का आंकलन करना।
खास-खास:
– एसएसजी फीडबैक में प्रदेश में कटनी जिला टॉप पर 6 हजार से अधिक लोगों ने दिया अभिमत।
– ग्रामीणों के साथ बैठक कर स्वच्छता सर्वेक्षण एवं उद्देश्यों के संबंध में दी जाएगी जानकारी।
– स्वच्छता के लिए ग्रामीणों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने व मुख्य व्यक्तियों को जोडऩे होगा फोकस।
– सर्वेक्षण दल का बैठक एवं परिचर्चा का आयोजन, ग्राम भ्रमण व सर्वेक्षण दल को दी जाएगी जानकारी।
इनका कहना है
जिला ओडीएफ होने के बाद अब स्वच्छता के अन्य पैमानों पर खरा उतरने के लिए पहल की जा रही है। लोगों से फीडबैक लेने के साथ टीम स्वच्छता का आंकलन कर रही हैं। विभागीय अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
जगदीशचंद्र गोमे, जिला पंचायत सीइओ।