प्रशिक्षण लेने के बाद जुटाई हिम्मत
ओमवती बर्मन को आजीविका मिशन द्वारा आरसेटी के माध्यम से बैंक सखी प्रशिक्षण, पुस्तक संचालक का प्रशिक्षण दिया गया। जिसके बाद ओमवती ने स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाए। अब समूह गठन में सहयोग, बैंक सम्बन्धी कार्य जिसमें समूहों का खाता खुलवाना, सीसीएल करवाना, समूह एवं ग्राम संगठनो का दस्तावेज संधारण करवाना, लोगों को शासन की योजनाओं के लिये जागरूक करना इनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है। खास बात तो यह है कि समूह की महिलाओं को आमदनी भी बेहतर होने लगी है। समूह का चक्रिय कोष 11 हजार रुपये है। बैंक द्वारा सीसीएल से एक लाख रुपये समूह सदस्यों द्वारा समूह को प्राप्त राशि से चाट-फुल्की दुकान, किराना दुकान एवं सब्जी विक्रय इत्यादि कार्य किये जा रहे हैं।
ये काम बने आर्थिक आमदनी का जरिया
ओमवती स्वयं का गांव की महिलाओं के साथ कपड़ा सिलाई करना एवं सिखाना जिससे औसत मासिक आय ढाई से तीन हजार रुपये हो रही है। इसके अलावा ब्यूटी पार्लर कार्य जिससे औसत मासिक आय दो हजार रुपये, बैंक सखी एवं अन्य कार्य जिससे औसत मासिक आय 1500 रुपये हो रही है। खास बात यह है कि ग्राम देवराकला में 35 समूहों के खाता खुलवाने एवं दूसरे ग्रामों के 22 खाते खुलवाने में अहम भूमिका रही। साथ ही 42 समूहों के गठन करवानें में सहयोग रहा, जिससे महिलाएं अब स्वालंबन की राह में आगे बढ़ी हैं।