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भोपाल में अटका जमीन बेचने का प्रस्ताव, बैंक लोन भी नहीं हो पा रहे स्वीकृत, इस शहर में केंद्र सरकार की सबसे बड़ी योजना पिछड़ी

जरुरतमंदों को पक्के आवास मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम आवास योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत नगर निगम द्वारा शहर के दो स्थानों प्रेमनगर व झिंझरी में मल्टी बनावाई जा रही है। मल्टी तैयार होने की मियाद कई माह पहले पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ। इसकी मुख्य वजह है नगर निगम के पास पर्याप्त मात्रा में रुपये न होना।

कटनीMar 16, 2020 / 09:30 am

balmeek pandey

Pradhan Mantri Awas Yojana: houses incomplete, installment also stuck

Pradhan Mantri Awas Yojana: houses incomplete, installment also stuck

कटनी. जरुरतमंदों को पक्के आवास मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम आवास योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत नगर निगम द्वारा शहर के दो स्थानों प्रेमनगर व झिंझरी में मल्टी बनावाई जा रही है। मल्टी तैयार होने की मियाद कई माह पहले पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ। इसकी मुख्य वजह है नगर निगम के पास पर्याप्त मात्रा में रुपये न होना। इसके लिए इसके लिए निगम ङ्क्षझझरी में 7900 व प्रेमनगर में 4500 वर्गमीटर अलग-अलग जगह पर व्यवसायिक भूमि बेचकर राशि जुटाना है। जिसका प्रस्ताव भी एक पखवाड़े पहले नगरीय प्रशासन विभाग को चला गया है, लेकिन अबतक स्वीकृति नहीं मिली है। इससे कैश फ्लो गड़बड़ा गया है। झिंझरी में काम भी मंथर गति से चल रहा है। बता दें कि हाल ही में कलेक्टर ने नगर निगम की समीक्षा बैठक लेकर नवरात्र में गृह प्रवेश कराने निर्देश दिए हैं। राशि न मिलने की वजह से काम प्रभावित है। ऐसे में नवरात्र में भी हितग्राहियों को आवास मिलना मुश्किल है।

 

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34 करोड़ नगर निगम ने लगाए
बता कि इस योजना में यदि एक आवास सात लाख रुपये का बना है तो डेढ़ लाख सेंटर, डेढ़ लाख राज्य और 10 प्रतिशत राशि हितग्राही को देना है। शेष राशि नगर निगम को वहन करनी है। केंद्र और राज्य से भी बहुत कम राशि आया है। हैरानी की बात तो यह है नगर निगम अबतक 34 करोड़ रुपये ठेकेदारों को दे चुकी है। नगर निगम को हितग्राहियों के बैंक से लोन स्वीकृत भी राशि जुटाना है। इसके लिए शहर के अधिकांश बैंक सहयोग नहीं कर रहे। एसबीआइ, आइसीआइ और एचडीएफसी बैंक को प्रकरण भेजे गए हैं। आय प्रमाण पत्र मांगे जाने से मामला कई माह से अटका है। कुछ प्रकरण आइसीआइ बैंक ने स्वीकृत किए हैं। वहीं अब नगर निगम आवास बैंक से काम चल रही है।

 

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झिंझरी में निर्माण की गति बेहद धीमी
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 हजार 312 आवासों का निर्माण कराया जा रहा है। प्रेमनगर में 2800 व झिंझरी में 1512 आवा का निर्माण चल रहा है। दोनों ही योजनाओं में 322.99 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। काम में लेटलतीफी पर जिम्मेदार भी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। न तो ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई हुई और ना ही मॉनीटरिंग में बेपरवाही करने वालों पर। सबसे धीमी गति झिंझरी वाली मल्टी में है। बिलों के सत्यापन और भुगतान में भी निजी कंपनी इजीआइएस द्वारा मनमानी की जा रही है। नगर निगम में रकम जमा करने के बाद आशियाना पाने की सैकड़ों लोग टकटकी लगाए हैं, चक्कर काट रहे हैं।

 

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झिंझरी में यह है निर्माण की स्थिति
113.05 करोड़ की टेंडर लागत व एग्रीमेंट लागत 117.46 करोड़ रुपये तय की गई है। 30 नवंबर 2017 से 18 माह में काम कंपलहट करना था। 30 मई को मियाद पूरी हो गई है। लेकिन ठेकेदार ने काम समय पर नहीं किया और एमआइसी ने 29 मई 2020 तक के लिए वर्षाकाल छोड़कर 8 माह के लिए बढ़ा दी गई है।

 

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झिंझरी में यह फंसा पेंच
यहां पर आवास निर्माण के लिए 23 जून 18 को 8 हेक्टेयर भूमि अधिपत्य में आई। 6 हेक्टेयर टी एंडसीपी के लिए स्वीकृत हुई 2 हे. पहाड़ी मद में दर्ज जिसका अबतक मद परिवर्तन नहीं हुआ। 2.5 हे भूमि की मांग 29 जुलाई व 3 अक्टूबर को की गई, लेकिन अबतक समाधान नहीं हुआ। हलांकि नगर निगम ने टाउन एंड कंट्री प्लालिंग, रेरा, बिल्डिंग पासिंग की प्रक्रिया करा ली है।

 

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खास-खास:
– प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए 12400 वर्गमीटर भूमि बेचकर नगर निगम जुटाएगी रुपये।
4213 इडब्ल्यूएस, एलआइजी और एमआइजी भवनों का हो रहा है निर्माण, 322.99 करोड़ की लागत से बन रहीं हैं मल्टी
– झिंझरी में 1512 आवासों का निर्माण होना है। यहां पर इडब्ल्यूएस के 792 जिसमें जी/पी+3, एलआइजी के 384 पी+6 व एमआइजी के 336 पी+6 फ्लैट बनने हैं।
– प्रेमनगर में यहां पर इडब्ल्यूएस के 1744 जिसमें जी/पी+3, एलआइजी के 1056 पी+6 बर रहे हैं। जिसकी टेंडर लागत 196.53 करोड़, एग्रीमेंट लागत 205.53 करोड़ है।
– प्रेमनगर में एलआइजी की कीम 16.30 लाख रुपये व व्यवसायिक भूमि की कीमत 10 हजार 500 रुपये स्क्वायरमीटर निर्धारित की गई है।
– झिंझरी भवनों की कीमत इडब्ल्यूएस- 2 लाख रुपये, एलआइजी- 16.50 लाख रुपये, एमआइजी- 25.25 लाख रुपये, व्यवसायिक- 11 हजार स्क्वायर मीटर।

इनका कहना है
पीएम आवास निर्माण में राशि के लिए व्यवसायिक मद की जमीन बेची जानी है। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजा गया है। अनुमति मिलते ही आगे की कार्रवाई होगी। बैंक ऋण प्रकरण भी तेजी से स्वीकृत हो रहे हैं।
शैलेंद्र शुक्ला, अधीक्षण यंत्री, नगर निगम।

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