कटनी जिले के बहोरीबंद विकासखंड अंतर्गत माध्यमिक शाला ककरेहटा के इस स्कूल को देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि, यहां कक्षा छठवीं,सातवीं और आठवीं के बच्चे एक ही कक्ष में बैठकर पढ़ने के लिए इसलिए विवश हैं कि, इस स्कूल में शिक्षकों की बेहद कमी है। आठवीं के छात्र अनसुल बर्मन, सातवीं के छात्र आशीष बर्मन आठवीं के शिवकुमार रजक, आठवीं के देव कुमार लोधी छटवीं के सौरभ लोधी ने बताया कि, हमारे स्कूल में शिक्षक नहीं हैं। प्राथमिक शाला के सर कभी, कभी पढ़ा देते हैं। अतिथि मैडम हैं, वो भी कभी-कभी पढ़ा देती हैं।
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प्राथमिक शाला के प्रधान अध्यापक आर एस कश्यप ने बताया कि, मुझे माध्यमिक शाला का प्रभारी बनाया गया है। चूंकि, ग्रामर सभी क्लासों में एक ही होती हैं। इसलिए तीनों क्लास को साथ बैठाकर ग्रामर पढ़ा रहा था। कमोबेश यही स्थिति विकासखंड के दूसरे स्कूलों की है, खासबात ये है कि, जुलाई माह में हुए ट्रांसफर के दौरान अफसरों ने मनमाफिक शिक्षकों की पदस्थापना कर दी। अब हालात ये हैं कि, कई स्कूलों में 10 बच्चों पर 2 शिक्षक हैं, तो कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां सबसे ज्यादा बच्चे हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं है।
बहोरीबंद के बीआरसी शिक्षकों की कमी की जानकारी उच्चाधिकारियों को देने की बात तो कह रहे हैं, लेकिन शायद शिक्षा विभाग के डीईओ पी पीसिंह उनके पत्र पर विचार करने के लिए भी गंभीर नहीं हैं।
13 स्कूल बिना शिक्षक
बहोरीबंद विकासखंड के माध्यमिक शाला संसारपुर, हाई स्कूल रामपाटन, माध्यमिक शाला बरही रामपाटन ,नवीन माध्यमिक शाला ककरेहटा, नवीन माध्यमिक शाला, चाँदनखेड़ा, कन्या माध्यमिक शाला बाकल, नवीन माध्यमिक शाला खमतरा, नवीन माध्यमिक शाला अमाड़ी, माध्यमिक शाला खम्हरिया, माध्यमिक शाला पहरुआ, नवीन माध्यमिक शाला जुजावल, नवीन माध्यमिक शाला पटना मढ़िया, नवीन माध्यमिक शाला हाथीभार शामिल हैं।
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बहोरीबंद विकासखंड जे शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक शाला में 22 हजार 760 छात्र-छात्राएं हैं, इन्हें पढ़ाने के लिए 30 बच्चों के मान से 758 शिक्षक होने चाहिए तो 281 शिक्षक ही हैं। दूसरी ओर शासकीय हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल में 9 हजार 179 छात्रों में 305 शिक्षकों की जरूरत के बीच 209 शिक्षक ही हैं। शिक्षकों की कमी पर बीईओ अशोक झरिया डीईओ को जानकारी देने की बात कह रहे हैं।