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अतिक्रमण सहित अन्य मुद्दों को भी उठाया
रैली और ज्ञापन के माध्यम से महिलाओं ने अतिक्रमण सहित अन्य मुद्दे भी उठाए। ग्राम डेहरी, बिछुआ गौठान भूमि का चरोखर, खेल मैदान, देव स्थल का पट्टा दिए जाने, आदिवासियों को वन भूमि का पट्टा दिए जाने, वन विभाग द्वारा लगाई गई रोक को हटाने, महिला हिंसा रोकने, महिलाओं को शिक्षा, चुनाव, नौकरी सहित अन्य क्षेत्र में 50 फीसदी आरक्षण की मांग की। वृद्धावस्था, कल्याणी, दिव्यांग पेंशन को तीन हजार रुपये प्रतिमाह करने, किसानों को कर्जमाफी का प्रमाण पत्र देने, पेंशन स्कीम लागू करने, जरुतमंदों को पीएम आवास का लाभ दिए जाने की मांग उठाई। बताया कि 2002-03 में कांग्रेस सरकार द्वारा भूमिहीन आदिवासियों को दिए गए पट्टे पर अमल करने, महिला स्व सहायता समूहों को सशक्त करने सहित रसोइयों को हर माह 6 हजार रुपये मानदेय की मांग उठाई।
इनकी रही उपस्थिति
इस रैली में एक दर्जन से अधिक गांव के महिला व पुरुषों की उपस्थिति रही। रैली में जिला पंचायत सदस्य एके खान, चैतू पटेल, विंदेश्वरी पटेल, अजय सरावगी, राजा बाई, अनसुईया बाई, जगतरानी, कमलरानी, छंगो बाई, सिया बाई, भद्दो बाई, ज्ञाना बाई, रतना बाई, भूरी बाई, गुलबसा बाई, बहादुर सिंह, सीताराम, गणेश सिंह, प्रतिपाल सिंह, रतन, मुकेश, औसर सिंह, मोहन सिंह, इंद्रपाल सहित सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
इस खास पहल में अम्लीयता-छारीयता, विद्युत चालकता, जैविक कार्बन से रुबरु हुए स्टूडेंट
इनका कहना है
पत्रिका ने अवैध शराब विक्रय और नशा के खिलाफ मुद्दा उठाया है वह बहुत आवश्यक है। हर हाल में शराब सहित मादक पदार्थों की बिक्री बंद होनी चाहिए। नशा से पूरा समाज बर्बाद हो रहा है।
डॉ. एके खान, जिला पंचायत सदस्य।
गांवों में अवैध शराब बिक्री हो रही है। जन-बच्चे शराब पीकर उत्पात मचाते हैं। रुपयों की बर्बादी के साथ अपराध बढ़ रहे हैं शराब बंद करना आवश्यक है। इस पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो महिलाएं और आंदोलन करेंगे।
बिंदिया बाई।
गांव-गांव, गली-गली नशे का अवैध कारोबार फैला है। शराबी महिलाओं और बच्चियों पर नशे में फब्तियां कसते हैं। पुलिस और आबकारी विभाग इनपर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। नशे पर पाबंदी आवश्यक है।
कौशिल्या बाई।
पुलिस, प्रशासन और आबकारी चाह ले तो जिले में अवैध कारोबार का नामोनिशान नहीं रहेगा। शराब से घर-परिवार बिखर रहे हैं। मां की गोद, पति का सुहाग उजड़ रहा है। नशामुक्ति की बात अब तक बेमानी है।
मर्रू बाई।