कवर्धा विधानसभा राज्य का एक प्रमुख केंद्र बिंदु है क्योंकि यहीं से कांग्रेस के मोहम्मद अकबर करीब 60 हजार से मतों से जीत दर्ज किए। यह कांग्रेस के लिए बड़ी जीत साबित हुई, जबकि भाजपा के लिए बहुत बड़ी हार रही। क्योंकि कबीरधाम पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह का गृह जिला है। इसके चलते ही भाजपा इस बार कोई मुद्दा नहीं छोडऩा चाहती जो उसे जनता से करीब ला सके।
भाजपाईयों ने अपनी सहयोगी संगठनों के माध्यम से स्थानीय विधायक व मंत्री का विरोध शुरु कर दिया है। कवर्धा में हुए विवाद व माहौल बिगडऩे का आरोप स्थानीय विधायक व मंत्री मो.अकबर पर डाला और गांवों में प्रवेश निषेध के बैनर पोस्टर लगाए जा रहे हैं। वहीं 25 अक्टूबर को जब मंत्री अकबर कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में दौरा करने पहुंचे तो उनके काफिले को ग्राम दशरंगपुर, बिरकोना, पोंड़ी सड़क किनारे काले कपड़े लहराए गए।
कांग्रेस भी अब अपनी ताकत और चुनावी तैयारी को दिखाने में पीछे नहीं है। सोमवार को मंत्री के दौरा में जिलेभर से कांग्रेसी नेता, पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता 300 से अधिक वाहनों के साथ मंत्री के काफिला में शामिल हुए। वाहनों का काफिला इंदौरी से ग्राम मगरदा तक दिखाई दिया। यह कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन ही रहा जिसमें विरोधी पार्टी को तगड़ा जवाब देने का प्रयास किया गया।