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कवर्धा

हिंसा में झुलसा कवर्धा बना छत्तीसगढ़ में राजनीति का अखाड़ा, कर्फ्यू के बीच भाजपा और कांग्रेस में मची शक्ति प्रदर्शन की होड़

कवर्धा शहर में 23 दिनों से धारा 144 लागू है। वहीं 21 दिनों से कफ्र्यू चल रहा है। यह एक बड़ा मुद्दा है जिसके चलते कवर्धा शहर से ही राजनीतिक पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।

कवर्धाOct 27, 2021 / 05:35 pm

Dakshi Sahu

हिंसा में झुलसा कवर्धा बना छत्तीसगढ़ में राजनीति का अखाड़ा, कर्फ्यू के बीच भाजपा और कांग्रेस में मची शक्ति प्रदर्शन की होड़

हिंसा में झुलसा कवर्धा बना छत्तीसगढ़ में राजनीति का अखाड़ा, कर्फ्यू के बीच भाजपा और कांग्रेस में मची शक्ति प्रदर्शन की होड़

कवर्धा. भले ही राज्य में विधानसभा चुनाव को अभी दो वर्ष से अधिक का समय है, लेकिन कवर्धा से इसकी तैयारी राजनीतिक पार्टियों ने अभी से शुरू कर दी है। दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टी भाजपा और कांग्रेस अपनी शक्ति प्रदर्शन में लग गए हैं, जिसका नजारा कवर्धा में दिखाई दे रहा है। राज्य में 15 वर्ष बाद कांग्रेस सत्ता में आई। ऐसे में कांग्रेस इसे आसानी से गंवाना नहीं चाहती, लेकिन भाजपा जो 15 साल तक सत्ता में रही जो अब विपक्ष की भूमिका निभा रही है फिर से सत्ता में आने को आतुर है। हालांकि विधानसभा चुनाव को अभी दो वर्ष से अधिक समय बाकी है लेकिन इसकी नींव कवर्धा शहर से रखी जा चुकी है।
कवर्धा शहर में 23 दिनों से धारा 144 लागू है। वहीं 21 दिनों से कफ्र्यू चल रहा है। यह एक बड़ा मुद्दा है जिसके चलते कवर्धा शहर से ही राजनीतिक पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। दोनों ओर से जोर-आजमाईश दिखाई जा रही है। यह कवर्धा शहर में स्पष्ट दिखाई दे रहा है। कवर्धा में हिंसा का मुद्दा प्रदेशभर में छाया हुआ है। नेता प्रतिपक्ष सहित भाजपा के विधायक और कांग्रेस के मंत्री लगातार प्रेसवार्ता करते रहे। यह सिलसिला अब तक जारी है। अपनी-अपनी बात और सवाल-जवाब करते रहे। वहीं आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए जा रहे हैं। हालांकि यह मुद्दे अधिक समय तक रहने वाला नहीं है क्योंकि लोग शहर की व्यवस्था परेशान हैं।
कवर्धा इसलिए केंद्र बिंदु
कवर्धा विधानसभा राज्य का एक प्रमुख केंद्र बिंदु है क्योंकि यहीं से कांग्रेस के मोहम्मद अकबर करीब 60 हजार से मतों से जीत दर्ज किए। यह कांग्रेस के लिए बड़ी जीत साबित हुई, जबकि भाजपा के लिए बहुत बड़ी हार रही। क्योंकि कबीरधाम पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह का गृह जिला है। इसके चलते ही भाजपा इस बार कोई मुद्दा नहीं छोडऩा चाहती जो उसे जनता से करीब ला सके।
भाजपाईयों ने विरोध में लहराए काले कपड़े
भाजपाईयों ने अपनी सहयोगी संगठनों के माध्यम से स्थानीय विधायक व मंत्री का विरोध शुरु कर दिया है। कवर्धा में हुए विवाद व माहौल बिगडऩे का आरोप स्थानीय विधायक व मंत्री मो.अकबर पर डाला और गांवों में प्रवेश निषेध के बैनर पोस्टर लगाए जा रहे हैं। वहीं 25 अक्टूबर को जब मंत्री अकबर कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में दौरा करने पहुंचे तो उनके काफिले को ग्राम दशरंगपुर, बिरकोना, पोंड़ी सड़क किनारे काले कपड़े लहराए गए।
कांग्रेस ने 300 वाहनों का काफिला दिखाया
कांग्रेस भी अब अपनी ताकत और चुनावी तैयारी को दिखाने में पीछे नहीं है। सोमवार को मंत्री के दौरा में जिलेभर से कांग्रेसी नेता, पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता 300 से अधिक वाहनों के साथ मंत्री के काफिला में शामिल हुए। वाहनों का काफिला इंदौरी से ग्राम मगरदा तक दिखाई दिया। यह कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन ही रहा जिसमें विरोधी पार्टी को तगड़ा जवाब देने का प्रयास किया गया।

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