शंकराचार्य रविवार को दोपहर 12 बजे बेमेतरा जिला के सलधा से सड़क मार्ग होते हुए देवरबीजा, साजा होते हुए कबीरधाम जिला के बिरोडा होते हुए लोहारा पहुंचे। वहां पर पं.देवदत्त के निवास व लोहारा राजा खड़गराज के महल पर पदुकापुजन सम्पन्न हुआ।
वहीं लोहारा से सड़क मार्ग होते हुए शंकराचार्य कवर्धा के लिए प्रस्थान किए। भागुटोला के आगे युवाओं ने बाइक रैली निकाली। हाथों में धर्मध्वज लिए शंकराचार्य की जय, जय जय श्री राम के जयघोष हुआ। हर स्थान पर शंकराचार्य का स्वागत हुआ। तत्पश्चात रविवार दोपहर 3.30 बजे शंकराचार्य अशोक साहू के निज निवास पहुंचे। शाम 5 बजे परशुराम चौक पहुंचे व विशाल धर्मध्वज का विधिवत पूजन कर दीपावली पर्व के शुभ अवसर पर नवीन विशाला धर्मध्वज ध्वजोत्तोलन गया। प्रभु श्री जानकी रमण देवालय पहुंच शंकराचार्य ने भगवान श्रीराम के पूजन किया। मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। शंकराचार्य शाम 6 बजे शंकरा भवनम पहुंचे।
भक्त आते-जाते रहे दीपावली की मध्य रात्रि 12 बजे शंकराचार्य काली मंदिर पहुंचे, जहां माँ काली की विशेष पूजन व आरती किए। रातभर भक्तों का आना जाना लगा रहा। शंकराचार्य द्वारा शंकरा भवनम में रात 12.30 बजे से सुबह के 6 बजे तक माता भगवती की विशेष पूजा किया गया। इस अवसर पर उत्तरप्रदेश के काशी से पधारे विद्वानों द्वारा मंत्रों उच्चार कर पूजा सम्पन्न कराया गया। वहीं पूरी रात सनातनियों ने शंकरा भवनम पहुंच के प्रत्येक्ष रूप से शंकराचार्य का दर्शन कर पूजन का लाभ लिया।