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खंडवा

मिट्टी की 108 मशाल लेकर निकलेंगी बेटियां

12 जनवरी को निकलेगी प्रज्ञा अभियान संदेश यात्रा

खंडवाJan 10, 2019 / 01:14 am

राहुल गंगवार

Gayatri Mahayagyan

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खंडवा. प्रज्ञा अभियान संदेश यात्रा में स्वालंबन (अपने आप निर्भर रहना) का नारा देते हुए विभिन्न गांवों से आई बेटियां अपने हाथों से बनाई मिट्टी की 108 मशाल लेकर शहर में निकलेंगी। संदेश यात्रा 12 जनवरी को नवचंडी मेला से गायत्री शक्तिपीठ तक निकाली जाएगी। अखिल विश्व गायत्री परिवार खंडवा द्वारा आयोजित गृहे-गृहे गायत्री महायज्ञ, गृहे-गृहे गायत्री उपासना का आयोजन 12 से 14 जनवरी तक किया जाएगा।
ट्रस्टी सुरेश गुप्ता ने बताया, संदेश यात्रा में पांच हजार बेटियां पीली वस्त्र धारण कर शामिल होंगी। यात्रा में बेटियां ट्रैक्टर, बुलेट, घोड़े, बैलगाड़ी पर सवार होकर निकलेगीं। यात्रा में सभी बेटियां अपने गांव की तख्ती लेकर चलेगीं, जिसे उन्होंने खुद ही तैयार किया है। यात्रा में बेटियां संदेश देगी कि हम किसी से कम नहीं है, हमें कमजोर न समझें। हम भी पुरुष के बराबरी से कंथे से कंथा मिलाकर चल सकते हैं।

मीठा खाओ-मीठा बोलो
14 जनवरी को मकर संक्राति पर महायज्ञ का समापन होगा। इस अवसर पर सभी बेटियों को तिल के लड्डू दिए जाएंगे। ये तिल के लड्डू भी बेटियों ने ही तैयार करें है जो 10-10 लड्डू उनको दिए जाएंगे जो गांव में जाकर बांटेगी। इसके अलावा आयोजन स्थल भी सभी को लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया जाएगा। तिल लड्डू खिलाने का उद्देश्य मीठा खाओ और मीठा बोलो है।

गोबर से बनाएं दीपक
महायज्ञ के दौरान यज्ञोपेथी से यज्ञ का ज्ञान-विज्ञान के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए बेटियों ने गोबर दीपक बनाएं है। मिट्टी का दीपक राजकोट से मंगाया गया, इसके ऊपर आटे की लोई को रखकर उसके ऊपर गोबर का दीपक रखा जाएगा। दीपक में औषधी और कपूर डाला जाएगा जो वातावरण को शुद्ध करेगा। इसके बारे में डॉक्टर श्वेता चतुर्वेदी जानकारी देंगी।

नारी जागरण विचार-विमर्श
नारी जागरण कार्यक्रम में दंपति को बुलाया जाएगा और उनसे विचार-विमर्श किया जाएगा। परिवार, रिश्तेदारों और जिम्मेदारियों से जिस प्रकार परिवार दूर होते जा रहे है उसका समाधान किया जाएगा। इस दौरान दंपति आपस में वरमाला डालेंगे और एक-दूसरे को मिठाई खिलाएंगे। इस विवाह का उद्देश्य है, उनका फिर से नव जीवन शुरू हो सके और वे अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग हो। इसमें किसी भी उम्र के दंपति शामिल हो सकते हैं।

जैविक मशाल
यात्रा में शामिल बेटियां जो 108 मशाल लेकर चलेंगी वो उन्होंने खुद ही तैयार की है। मशाल को जैविक तरीके से तैयार किया गया है। बेटियों ने बताया कि मशाल के लिए मुलतानी मिट्टी, चिकनी मिट्टी, मैथीदाना, उड़द दाल, गोंद और बांस का उपयोग किया है। ये मशालें बाद में 108 बेटियों को दी जाएगी।

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