महामारी की आशंका नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ताओं की मानें तो पानी का ठहराव महामारी की प्रथम सीढ़ी हैं। इसकी दुर्गंध से वायु प्रदूषण भी दूषित होगा और कई लोग इसकी चपेट में आएगें। सरकारों का भविष्य की इस आशंका की ओर कोई ध्यान नही हैं। स्वास्थ्य को लेकर केंद्र एवं प्रदेश सरकार निश्चिंत नजर आ रही हैं और कोई ठोस कदम उठाती नही दिख रही है, जो घातक सिद्ध होगा। पर्यावरण एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से ये जलजमाव अभी से गंभीर स्थिति बना रहा है। मवेशी तक पानी पीने से दूर भाग रहे है। मच्छरों की भरमार से मलेरिया पैर पसारने लग गया है।
अभी से चेतें विभाग
पर्यावरण तथा स्वास्थ्य मंत्रालय कोई कारगर कदम उठाते नहीं दिख रहे हैं। जबकि जलजमाव के दुष्परिणाम अभी से दिखने लग गए हैं। यही स्थिति रही तो हालात बेकाबू होते देर नहीं लगेगी।
-मेधा पाटकर, नैत्री नबआं