BSC फर्स्ट ईयर का छात्र है पीड़ित
पीड़ित छात्र BSc फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है जिसने शुक्रवार को घर पर कीटनाशक दवाई पी ली। उसे उल्टियां करते देख परिवार वाले अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने जहर खाने की बात बताई, तो परिजनों के होश उड़ गए। युवक की जेब में एक चिट्ठी मिली है जिसमें रैगिंग से परेशान होने की बात लिखी। इसे उसने सुसाइड नोट के रूप में लिखा था। हालांकि अच्छी बात ये रही कि उसकी जान बच गई।
सीनियर का घूरना गुजरा नागवार, चाकू से कर दिया वार
चिट्ठी में ये लिखा..
जहर खाने से पहले हरिओम ने जो चिट्ठी लिखी है उसमें उसने रैगिंग की जो दास्तां बयां की है वो हैरान कर देने वाली है उसने चिट्टी में लिखा है कि ‘मेरी जान देने का कारण मेरे कॉलेज की परंपरा है..मेरे कॉलेज में रैगिंग होती है..सीनियर्स हमें मारते हैं..मुझे नाक में परेशानी है, जिससे मेरी नाक से खून आता है। सीनियर्स द्वारा नाक पर मारा जाता है। कुछ समय से मुझे सीनियरों द्वारा ज्यादा टारगेट किया जा रहा है। क्योंकि मैंने रैगिंग देने से मना कर दिया, तो सीनियरों ने मुझे बैचआउट कर दिया। इस कारण मेरे साथ के फर्स्ट ईयर के विद्यार्थी मुझसे बात भी नहीं करते। यहां तक की सीनियरों के डर से मुझे देखते भी नहीं हैं। मैं क्लास में अकेला ही बैठता हूं, ना कोई बात करता है ना कोई कुछ बताता है। मेरे साथ के सभी विद्यार्थी सीनियर के कहने पर ऐसा कर रहे हैं। अगर कोई मेरे से बात करता है, तो सीनियर उसे हॉस्टल से निकालने की धमकी देते हैं। अगर मैंने रैगिंग नहीं दी, तो मैं कॉलेज की एक्विटी में भाग नहीं ले पाऊंगा और ना ही हॉस्टल में रह पाऊंगा। इसी कारण मैंने ये फैसला लिया है कि सीनियरों द्वारा मुझे बैच आउट कर मेरी कॉलेज लाइफ को खत्म कर दिया है। मैं इसकी जानकारी कॉलेज प्रशासन को भी नहीं दे सकता कि मेरी रैगिंग होती है। क्योंकि मैं अकेला और सीनियर ज्यादा हैं। मुझे सीनियर्स द्वारा हॉस्टल में कई बार घेरा भी गया है। मेरा फोन भी चेक करते हैं। और मैं सीनियरों को शिकायत की धमकी देता हूं तो मुझे कॉलेज से ट्रांसफर और मारने की धमकी देते हैं।
देखें वीडियो-