खरगोन

खरगोन हिंसाः जिस गरीब के हाथ ही नहीं वो कैसे मार सकता है पत्थर

पत्थर फेंकने के आरोप में दिव्यांग की गुमटी और मकान तोड़ा…शाम को दिव्यांग ने किया खंडन…।

खरगोनApr 19, 2022 / 11:40 am

Manish Gite

खरगोन। दोनों हाथों से दिव्यांग वसीम अपनी पीड़ा सुनाते हुए।

 

खरगोन. शहर में सांप्रदायिक दंगे की घटना के बाद प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी। जिसे लेकर दोनों हाथों से दिव्यांग एक व्यक्ति ने गुमटी को तोड़ रोजगार छीनने का आरोप लगया था। वहीं शाम को पीड़ित अपने बयान से बदल गया और उसने एक वीडियो जारी कर खंडन किया है।

जानकारी के अनुसार संजय नगर निवासी दिव्यांग वसीम अहमद शेख (35) ने सोमवार को मीडिया को बयान दिया कि 11 अप्रैल को प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में छोटी मोहन टॉकिज क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान अधिकारियों के इशारे पर मेरी गुमटी को भी तोड़ दिया गया। इसी गुमटी से गोली-बिस्किट आदि बेचकर वह परिवार का गुजारा करता था।

वसीम ने पहले कहा था कि अधिकारियों ने पत्थरबाजों को ढेर लगाने की बात बोलकर मेरी गुमटी पर जेसीबी चला दी। परिवार के भरण-पोषण का एकमात्र यही साधन था। अधिकारियों ने कार्रवाई के पहले नोटिस भी नहीं दिया। दोनों हाथों से दिव्यांग। पानी पीने और खाना खाने के लिए दूसरों की मदद लेना पड़ती है। ऐसे में वह पत्थर कैसे मार सकता है। मामले के तूल पकने पर प्रशासन ने वसीम से सम्पर्क किया तो उसने वह अपने बयान पलट गया और सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा कि प्रशासन की कार्रवाई में उसकी गुमटी ओर न ही मकान टूटा है, जो भी बातें कही जा रही वह अफवाह है।

 

नपा सीएमओ प्रियंका पटेल ने दिव्यांग के चर्चा की वास्तविकता का पता लगया। सीएमओ का कहना है कि जो गुमटी तोड़ी गई वह वसीम की नहीं। उसमें कोई सामान भी नहीं था। अफवाहों पर ध्यान न दे। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

तहसीलदार योगेंद्रसिंह मौर्य ने कहा कि प्रशासन द्वारा पूर्व से चिन्हित अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई की गई। सभी को नोटिस भी दिए थे। जिस गुमटी को तोड़ा गया है, उसमें कोई सामान नहीं था।

यह भी पढ़ेंः

खरगोन हिंसा में पहली मौत, लापता सद्दाम का शव मिला, परिजन बोले- पीट-पीटकर मार डाला
बांग्लादेशी, अफगानी और रोहिंग्या की घुसपैठ पर नजर, अलर्ट हुई इंटेलिजेंस विंग

Hindi News / Khargone / खरगोन हिंसाः जिस गरीब के हाथ ही नहीं वो कैसे मार सकता है पत्थर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.