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खरगोन

आजादी के पहले की याद दिलाता है यह स्कूल, आज भी झोपड़े में पढ़ते हैं बच्चे

झिरन्या विकासखंड से ७० किमी दूर चिरिया के समीप है घाटा फाल्या स्कूल, एक दशक से नहीं नसीब हुई छत, डेढ़ लाख की राशि डकार गए जिम्मेदार

खरगोनJan 18, 2019 / 12:23 pm

हेमंत जाट

Education Department news

इस झोपड़े में लगता है प्राथमिक स्कूल। खरगोन

खरगोन.
सरकार द्वारा बच्चों को पढ़ाई के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल तो शुरु किए गए, लेकिन यहां बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। झिरन्या विकासखंड के कोटबेड़ा संकुल के गोवाड़ा घाटा फाल्या में प्राथमिक स्कूल इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। यहां स्कूल विगत एक दशक से झोपड़े के अंदर संचालित हो रहा हैं। यह स्कूल आजादी के पहले की याद दिलाता हैं। यहां दिन में बच्चे पढ़ते हैं, वही शिक्षक सोते हैं। जिनका खाने-पीने और सोने का सामान भी पड़ा हैं। उक्त स्कूल कई वर्षों से भवन की बाटजोह रहा हैं। ताज्जुब की इस बात का है कि संकुल प्राचार्य से लेकर बीईओ तक स्कूल और वहां के बच्चों की परेशानी से वाकिफ हैं। लेकिन अभी तक स्कूल की सुध किसी ने नहीं ली। डीईओ केके डोंगरे को जब इस स्कूल की समस्या से अवगत कराया गया, तो उन्होंने कहा कि अभी भवनोंं की स्वीकृति हुई हैं, पर मैं यह नहीं बता सकता हूं कि इस गांव की स्कूल स्वीकृत है या नहीं। मैं फील्ड पर हूं आने के बाद ही बता पाऊंगा ।
१२ बाय १५ का बनी है झोपड़ी
गांव के बच्चे पढ़कर शिक्षित हो जाए, इस सोच के साथ ग्रामीणों की मदद से स्कूल शुरु हुआ। भवन नहीं होने से १२ बाय १५ की झोपड़ी बनाई गई। जिसमें २००९ से स्कूल चल रहा है। वर्तमान में यहां ९५ बच्चे दर्ज हैं। पत्रिका प्रतिनिधि ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि स्कूल के प्रधानपाठक माधवसिंह जरसोनिया और सहायक शिक्षक शिवकुमार जाटव इसी झोपड़े में रहते हैं। माधवसिंह ने बताया कि हम 2009 से यहां पर पदस्थ हैं तभी से इस विद्यालय की यह हालत है।
पुराने शिक्षक को मिला था ठेका, डेढ़ लाख निकाले
शिक्षकों के अलावा ग्रामीण जयमाल, जयसिंह, सखाराम, कैलाश, भाईराम आदि ने बताया कि पूर्व शिक्षक राम सिंह चौहान को भवन निर्माण का ठेका लिया था। जिसने डेढ़ लाख रुपए निकाल लिए और कुछ चद्दर और सामग्री लाकर पटक दी। लेकिन भवन आज तक नहीं बना। ऐसी स्थिति में नौनिहालों का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है। शासन के द्वारा मिलने वाली मध्यान भोजन और गणवेश जैसी सुविधाओं से भी बच्चें अछूते नजर आ रहे हैं।

शिक्षक निलंबित
ब्लॉक में 27 भवन विहीन विद्यालय हैं, जिसकी जानकारी भेजी है। घाटा फाल्या में पूर्व जन शिक्षक राम सिंह चौहान के द्वारा भवन निर्माण नहीं कराया गया, जिसे पूर्व में निलंबित किया गया है।
महेश दीक्षित, विकासखंड स्तोत समन्वयक

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