गांव के बच्चे पढ़कर शिक्षित हो जाए, इस सोच के साथ ग्रामीणों की मदद से स्कूल शुरु हुआ। भवन नहीं होने से १२ बाय १५ की झोपड़ी बनाई गई। जिसमें २००९ से स्कूल चल रहा है। वर्तमान में यहां ९५ बच्चे दर्ज हैं। पत्रिका प्रतिनिधि ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि स्कूल के प्रधानपाठक माधवसिंह जरसोनिया और सहायक शिक्षक शिवकुमार जाटव इसी झोपड़े में रहते हैं। माधवसिंह ने बताया कि हम 2009 से यहां पर पदस्थ हैं तभी से इस विद्यालय की यह हालत है।
शिक्षकों के अलावा ग्रामीण जयमाल, जयसिंह, सखाराम, कैलाश, भाईराम आदि ने बताया कि पूर्व शिक्षक राम सिंह चौहान को भवन निर्माण का ठेका लिया था। जिसने डेढ़ लाख रुपए निकाल लिए और कुछ चद्दर और सामग्री लाकर पटक दी। लेकिन भवन आज तक नहीं बना। ऐसी स्थिति में नौनिहालों का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है। शासन के द्वारा मिलने वाली मध्यान भोजन और गणवेश जैसी सुविधाओं से भी बच्चें अछूते नजर आ रहे हैं।
शिक्षक निलंबित
ब्लॉक में 27 भवन विहीन विद्यालय हैं, जिसकी जानकारी भेजी है। घाटा फाल्या में पूर्व जन शिक्षक राम सिंह चौहान के द्वारा भवन निर्माण नहीं कराया गया, जिसे पूर्व में निलंबित किया गया है।
महेश दीक्षित, विकासखंड स्तोत समन्वयक