बड़वाह नगर से तीन किमी दूर एक्वाडक्ट पुल से तीन दिन पूर्व मुंबई के कपड़ा व्यापारी नितिन पिता सुरेश वाधवा ने नर्मदा में कूदकर खुदकुशी कर ली। पुल से गहरे पानी में छलांग लगाने के बाद उसकी लाश बहते हुए करीब 90 किमी दूर मनावर थाना क्षेत्र के उरदना तक पहुंच गई। तीन दिन तक पानी में रहने के बाद शव का चेहरा पहचानना मुश्किल था। शव के कपड़ों में रखे आइडेंटिटी कार्ड से उसकी शिनाख्त की। मनावर अस्पताल में शव का पीएम किया जाएगा।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार नितिन बुधवार को इंदौर से कैब करके बड़वाह घूमने आया था। दोपहर करीब दो बजे उसने गाड़ी एक्वाडक्ट पुल पर खड़ी करवा दी। कुछ देर ड्राइवर के साथ टहलता रहा। इस दौरान लापता हो गया था। करीब आधे घंटे तक पुल पर खोजने के बाद ड्राइवर ने इसकी जानकारी बड़वाह पुलिस को दी। गुरुवार को मृतक के माता-पिता बड़वाह आए। यहां वे नर्मदा के तटीय क्षेत्रों में नाविकों के साथ नितिन की खोजबीन कर रहे थे। शुक्रवार देर शाम परिजनों को नितिन के शव की जानकारी मिलते ही उनकी बची उम्मीद भी टूट गई। वे देर रात ही उरदना के लिए रवाना हो गए थे। कार में नितिन के पर्स से सुसाइड नोट भी मिला था। इसमें उसने आत्महत्या करना बताया था। अपनी दो अंतिम इच्छाएं भी जाहिर की थी।
सुसाइड नोट में लिखा-मैं जीवन से थक चुका हूं
नितिन ने आत्महत्या करने से पूर्व 25 जुलाई को सुसाइड नोट लिखा था, जो पुलिस को उसके पर्स से मिला। इस नोट में लिखा मैं नितिन अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूं। खुद की मर्जी से क्योंकि मैं जीवन से थक चूका हूं। मुझे अब कुछ भी अच्छा नहीं लगता। मेरा दिल, दिमाग, आत्मा सब मुरझा गए हैं। इन सबका कसूरवार कोई नहीं है। मैं अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी दो इच्छाएं हैं। पहली मेरी जन्मभूमि इंदौर है, मुझे वही जलाना, तेहरवीं, शोक बैठक यहीं करना। दूसरी किसी से कोई बैर नहीं रखना।
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इंदौर घूमने के लिए आया था
परिजनों ने बताया नितिन इंदौर घूमने आया था। वह दो दिन से घूम भी रहा था। मोबाइल गुम होने से वह अपने दादाजी का मोबाइल लेकर घूमने निकला था। बुधवार दोपहर डेड़ बजे जब उसकी बहन ने फोन लगाया तो उसने इंदौर में घूमना बताया। ये भी बोला की इंदौर में बहुत मजा आ रहा है। नितिन की पत्नी एक हफ्ते पहले ही भोपाल में अपने मायके आई थीं।