scriptआभापुरी में एक और टिगरिया में दो वोटों से हार-जीत से फंसा पेंच | One in Abhapuri and one in Tigria trapped in defeat and victory by two | Patrika News
खरगोन

आभापुरी में एक और टिगरिया में दो वोटों से हार-जीत से फंसा पेंच

आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु, गोरखपुर में बराबरी पर मामला खत्म होने से चि_ी से होगा फैसला

खरगोनJun 26, 2022 / 11:36 pm

Amit Onker

flag march

चुनाव परिणाम के पश्चात शांति बनाए रखने पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च।

झिरन्या. पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में कुछ पंचायतों में सरपंच पद के उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर रही। जिसमें हार-जीत का अंतर महज एक से दो वोट का रहा। ऐसी पंचायतों में परिणाम से अंतुष्ट होकर उम्मीदवार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप मढ़ रहे हैं। झिरन्या जनपद की ग्राम पंचायत टिगरिया और आभापुरी में कम वोटों से हार-जीत हुई हैं। जिसके चलते यहां विरोध के स्वर उठा रहे और पेंच फंसा हुआ है।
जानकारी के अनुसार टिगरिया पंचायत में सरपंच पद के उम्मीदवार सेवकराम को 383 वोट मिले हैं, तो उनके प्रतिद्वंदी तिरसिया को 381 वोट। यहां दो बार वोटों की गिनती की गई, जो रविवार सुबह 4 बजे तक चली। पहली बार में परिणाम सेवकराम के पक्ष में गया था। पीठासीन अधिकारी से त्रुटी हुई। दोनों पक्षों की आपत्ति होने पर गहमागहमी बढ़ गई। स्थिति को काबू में लाने के लिए प्रशासन को दूसरी बार गिनती कराना पड़ी। हालांकि दोनों पक्ष इस फैसले से संतुष्ट नहीं। उधर, आभापुरी में मुकाबला रमाबाई पति रमेश और सोनू बाई पति कोलू के बीच था। यहां एक वोट से हार-जीत होने की बात सामने आई है। रमाबाई को एक वोट अधिक मिला। वहीं सोनू के पति कोलू का कहना है कि हमारे तीन वोट रिजेक्ट कर दिए। इसलिए हमारी मांग कि वोटों की गिनती दोबारा से की जाए। गोरखपुर पंचायत में दो सगेे भाइयों को 499-499 वोट मिलने से नतीजा रूका हुआ है। इसका फैसला अब चि_ी से होगा।

धूलकोट की कमान अब युवा सरपंच के हाथ में
धूलकोट/ भगवानपुरा. राजनीति में कब किसकी किस्मत बदल जाए, कहा नहीं जा सकता। पंचायत चुनाव के पहले चरण में जिले की सबसे बड़ी पंचायत धूलकोट में जनता ने ऐसे ही युवा सरपंच सालकराम किराड़े (26) को अपना नेता चुना। जिसको चुनाव में 3310 वोट मिले और 1710 वोटों से जीत हासिल की। पंचायत में सरपंच पद के लिए सर्वाधिक 11 उम्मीदवार मैदान में थे। बाजवूद ग्रामीणों ने युवा पर भरोसा दिखाया। बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले सालकराम के पास चुनाव लडऩे के लिए पैसे नहीं थे। ग्रामीणों ने खुद चंदा इक_ा कर मदद दी। बीएससी पास सालकराम ने पढ़ाई के दिनों में खरगोन में अखबार बांटने का काम भी किया।

भाजपा के 40 और कांग्रेस समर्थित 36 सरपंच
जनपद की 76 ग्राम पंचायतों में सरपंच पदों में चुनाव बाद स्थिति परिणाम की अधिकृत घोषणा होना बाकी है। वहीं सूत्रों की मानें तो झिरन्या ब्लॉक में 40 पंचायतों में भाजपा तो 36 में कांग्रेस समर्थित सरपंच चुनाव जीते हैं।

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