एबीवीपी द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में बुधवार को पीजी कॉलेज में परिचर्चा का आयोजन रखा गया था। जिसकी जानकारी लगने के बाद एनएसयूआई से जुड़े कार्यकर्ता भी पहुंच गए और आयोजन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए आपत्ति दर्ज की। बाद में कॉलेज प्रबंधन ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि आयोजन को लेकर किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई। कार्यक्रम को इजाजत नहीं दी गई। यही से विवाद की शुरुआत हुई। कार्यक्रम के विवादों में पडऩे से अतिथियों ने भी किनारा कर लिया।
इधर, विवाद बढऩे की स्थिति में कॉलेज की प्रभारी प्राचार्या शैल जोशी ने फोन पर प्राचार्य डॉ. आरएस देवड़ा और एसडीएम से चर्चा कर मार्गदर्शन मांगा। जिनके निर्देश पर कार्यक्रम को सशर्त मंजूरी दी गई और लिखा गया कि कोई बाहरी स्टूडेंट अथवा वक्ता भाग नहीं ले सकता। मंच पर बैनर आदि नहीं लगा सकते। इस संबंध में ताबड़तोड़ पत्र जारी कर विद्यार्थियों को अवगत कराया गया। विवाद की आशंका में कॉलेज प्रबंधन की सूचना पर पुलिस को गेट पर तैनात किया गया। पुलिस ने बाहरी व्यक्तियों को अंदर घुसने नहीं दिया। विद्यार्थियों के आईडी कार्ड देखकर अंदर जाने दिया।
एबीवीपी के विभाग संयोजक सचिन पाठक ने बताया कि हमने आयोजन के लिए आठ दिन पहले प्राचार्य से चर्चा की थी। तब कहा गया कि स्थानीय कार्यक्रम में परमिशन की जरुरत नहीं है। वहीं मंगलवार शाम को फोन कर बताया जाता है कि आपकी अनुमति निरस्त कर दी गई हैं है। पाठक ने आरोप लगाया कि सरकार के दबाव में कॉलेज प्रबंधन और पुलिस द्वारा कार्यक्रम रोका गया। जिस पर एबीवीपी ने आक्रोश जताया। गेट के बाहर खड़े होकर नारेबाजी की। सामूहिक वंदेमातरम् गान किया।
एनएसयूआई के रजत डंडीर ने कार्यक्रम के आयोजन पर सवाल उठाते हुए कॉलेज प्रबंधन को भी जिम्मेदार बतााया। डंडीर ने कहा कि आयोजन के अनुमति नहीं थी, तो कैसे प्राचार्य का नाम कार्यक्रम के आमंत्रण कार्ड में बतौर अतिथि छापा गया।
कॉलेज प्रबंधन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। बाद में स्थानीय विद्यार्थियों की मांग पर सशर्त अनुमति दी गई। विवाद न हो इसके लिए पुलिस को बुलाया गया। शैल जोशी, प्रभारी प्राचार्या पीजी कॉलेज
छात्र नेता आपस में विवाद कर रहे थे। उन्हें समझाने का प्रयास किया। कुछ बाहरी स्टूडेंट घुस आए थे। पुलिस से ही हुज्जत करने लगे। इसलिए बलपूर्वक बाहर निकाला गया। पवन पांडे, एसआई कोतवाली
महापुरुषों के सम्मान में आयोजित कार्यकम का विरोध नहीं है। बाहरी छात्रा के प्रवेश को लेकर आपत्ति थी। छात्र की सूचना पर कॉलेज पहुंचा था। कॉलेज प्रबंधन व पुलिस अधिकारियों से चर्चा कर जांच कराने के निर्देश दिए।
रवि जोशी, विधायक