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चिकनपॉक्स के बाद बच्चे को टीका लगाना जरूरी नहीं

बच्चों में अस्थमा एलर्जी की वजह से होता है। नियमित रूप से दवा से इसे रोका जा सकता है। इसमें सांस के साथ लेने वाले इन्हेलर उपयोगी होते हैं।

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Dec 03, 2017
बच्चों में अस्थमा एलर्जी की वजह से होता है। नियमित रूप से दवा से इसे रोका जा सकता है। इसमें सांस के साथ लेने वाले इन्हेलर उपयोगी होते हैं।

बच्चों में विटामिन-डी की पूर्ति कैसे होती है?

जब सूरज की किरणें शरीर पर पड़ती हैं तो विटामिन-डी बनता है। यदि बच्चा नियमित रूप से धूप में खेलता है तो विटामिन-डी स्वत: बनता है। लेकिन आजकल के रहन-सहन में बच्चे धूप में नहीं खेल पाते। ऐसे में विशेषज्ञ घरवालों को सलाह देते हैं कि बच्चों को दिन में कम से कम एक से डेढ़ घंटे के लिए धूप में बिठाएं। इसके अलावा विटामिन-डी की पूर्ति के लिए डॉक्टर, बच्चे की उम्र, वजन व मेडिकल स्थिति के आधार पर ड्रॉप और पाउडर के रूप में सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
अस्थमा में बच्चों के लिए इन्हेलर का प्रयोग कितना सही?
बच्चों में अस्थमा एलर्जी की वजह से होता है। नियमित रूप से दवा से इसे रोका जा सकता है। इसमें सांस के साथ लेने वाले इन्हेलर उपयोगी होते हैं। ये दो तरह के होते हैं - प्रिवेन्टर व रिलीवर। बदलते मौसम में एलर्जी होने पर प्रिवेन्टर इन्हेलर के प्रयोग से अस्थमा को आसानी से रोका जा सकता है। यदि अस्थमा की तीव्रता बढ़ती है तो रिलीवर इन्हेलर प्रयोग करते हैं। छह माह से अधिक आयु के बच्चों को परिजनों की देखरेख में इन्हेलर दिए जाते हैं।
मेरे बच्चे की उम्र 6 साल है। उसे हाल ही में चिकनपॉक्स हुआ था। क्या उसे चिकनपॉक्स का टीका लगवाएं?
चिकनपॉक्स होने के बाद टीका न लगवाएं क्योंकि एक बार यदि यह हो जाए तो उससे बच्चों में इसके प्रति जीवनभर के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
बच्चों को चलना सिखाने के लिए वॉकर का प्रयोग करना चाहिए?
नहीं, इसके दुष्प्रभाव होते हैं। वॉकर से चोट की आशंका बनी रहती है। सामान्य बच्चों की तुलना में वॉकर का उपयोग करने वाले बच्चों को चढऩे-उतरने में दिक्कतहोती है। एक साल से कम उम्र के बच्चे जिनकी टांगों में वजन झेलने की क्षमता कम होती है, वॉकर में खड़े होने व टांगों पर जोर पडऩे से उनकी टांगें गोल मुड़ (बो-लेग्स) जाती हैं।
बच्चों को निमोनिया से कैसे बचाएं?
जन्म के बाद बच्चे को न्युमोकोकल, फ्लू और एच- इन्फ्लूएंजा का टीका डॉक्टर द्वारा निर्देशित समयांतराल पर लगवाना चाहिए। इसके अलावा बच्चे को सर्दी से बचाएं और पूरी तरह से कवर करके रखें। बच्चों को संक्रमण से बचाएं और उसे गंदगी वाले स्थानों पर ले जाने से बचें

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Published on:
03 Dec 2017 08:45 pm
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