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अब हमारे खाए बीजों को व्यर्थ नहीं जाने देंगे

कॉलेज ने शुरू की नई परंपरा, जो भी फल खाएंगे उसके बीज बीज बैंक जमा करेंगे, प्राचार्य बोले प्रकृति के संरक्षण के लिए यह सबसे बेहतर उपाय है।

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Now our eaten seeds will not go waste

अब हमारे खाए बीजों को व्यर्थ नहीं जाने देंगे

भोपाल से आसिफ सिद्दीकी की रिपोर्ट. हम जो फल खाते हैं उनके बीजों को बेकार की वस्तु समझकर कचरे में फेंक देते हैं। जंगलों से खत्म हो रहे फलदार पौधों को देखते हुए भोपाल में एक अनोखा प्रयोग किया गया है। एक कॉलेज ने अपने परिसर में विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा खाए जाने वाले सभी फलों के बीजों को व्यर्थ न फेंककर उन्हें फिर से बोने के लिए बीज बैंक की स्थापना की है। इन बीजों को सहेजकर रखा जाएगा और बारिश से पूर्व इन्हें जंगलों में बिखरा दिया जाएगा ताकि भविष्य में यह पौधे राहगीरों और ग्रामीणों को फल दे सकें।

बीज बैंक का यह प्रयोग शासकीय कला एवं वाणिज्य (नवीन) महाविद्यालय की हरियाली लाएं समिति द्वारा किया गया। बुधवार को कॉलेज परिसर में एक आयोजन कर इस बीज बैंक का शुभारंभ किया गया। बीज बैंक की शुरूआत प्राचार्य डॉ. राजीव चौबे ने की।

बीजों को धोकर संग्रहित करेंगे
बीज बैंक में आए बीजों को ऐसे नहीं छोड़ा जाएगा। इस बीज बैंक में जो बीज आएंगे उन्हें समय रहते धोकर सुखाया जाएगा। इनमें से इनकी प्रजाति पहचानकर उन्हें उगने लायक मौसम में जंगलों में फेंका जाएगा, ताकि जमा किए गए बीजों का सही उपयोग हो सके।

पर्यावरण संतुलन होगा
बीज बैंक बनाने का विचार पर्यावरण संतुलन के लिए आया। बीजों और जंगलों के प्रति विद्यार्थियों के साथ ही लोगों में चेतना जाग्रत की जा सके। लोगों में बीज को लेकर जागृति आएगी तो आने वाले समय में हमारे जंगल फिर समृद्ध होंगे और इनका लाभ सभी लोग ले सकेंगे।

प्रकृति हमारी जिम्मेदारी
कालेज के प्राचार्य डॉ. राजीव चौबे के अनुसार हम जिन बीजों को अब तक खाकर फेंक देते थे उनसे नए पौधे उगाने से रिसाइकिल की नई परंपरा शुरू होगी। इन बीजों को हम सहेजकर रखेंगे और इनसे एक बेतहर कल की शुरुआत करेंगे।