उनके अनुसार बंगाल में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ दुव्र्यवहार और हमले की घटना नहीं होती, जैसा कि भाजपा शासित अन्य राज्यों में हो रहा है। हमारी सरकार दलित, अल्पसंख्यक और अन्य सम्प्रदाय के लोगों में विभाजन को बढ़ावा नहीं देती। विपक्ष ने मुख्यमंत्री के सरकारी कार्यक्रम के मंच से राजनीतिक वक्तव्य रखने की निन्दा की है।
आदिवासी बहुल खातरा में मुख्यमंत्री ने आदिवासी भाषा में वक्तव्य रखकर लोगों को आकर्षित करने का प्रयास किया। सरकारी कार्यक्रम के मंच से मुख्यमंत्री ने लोगों को भाजपा की ओर नहीं झुकने की सलाह दी।
उन्होंने लोगों से बाहरी किसी को तवज्जो नहीं देने का अनुरोध किया और कहा कि राज्य में एक राजनीतिक पार्टी आई है, जो अपनी बातों से लोगों को गुमराह कर रही है। इससे सावधान रहने पर उन्होंने बल दिया। भाजपा पर सीधा प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि उस पार्टी पर एकदम विश्वास मत कीजिए। वे लोग अनैतिक तरीके से सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
ममता ने लोगों को याद दिलाया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस की सरकार आदिवासियों के उत्थान के लिए काफी कुछ कर रही है। वाममोर्चा के ३४ साल के शासन में आदिवासी उपेक्षित रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाममोर्चा के शासन में यहां केवल रक्तपात होता था। जंगलमहल में चारों ओर हत्या का दौर था। मानवता नाम की कोई चीज नहीं थी। रास्ते-घाट का विकास नहीं हुआ। आदिवासी परिवार चींटियों के अंडे खाकर अपना गुजारा करते थे। वर्तमान समय में उन्हें पेट भर भोजन नसीब हो रहा है। सरकार जंगलमहल के लोगों को सस्ती दर पर राशन मुहैया करा रही है।
विपक्ष ने की निन्दा
बांकुड़ा के खातरा में मुख्यमंत्री के सरकारी मंच से राजनीतिक वक्तव्य रखने की जिला माकपा और भाजपा ने आलोचना की है। जिला माकपा के वरिष्ठ नेता अमिय पात्र ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार कोई तौर तरीके नहीं मानती है, मुख्यमंत्री के भाषण से यह साफ हो गया। ममता के लिए यह कोई नई बात नहीं है। वह सरकारी धन के बल पर राजनीतिक जनसभाएं कर रही हैं। भाजपा के जिला अध्यक्ष स्वपन घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद को कानून से परे समझती हैं। यही वजह है कि वह सरकारी कार्यक्रमों में राजनीति घसीटती हैं।