जांच में सामने आया है कि फरार कैदियों ने जेल की कैंटीन से जयनगर मोआ (मिठाई) लेकर उसमें नींद की दवा मिलाई। कारागार में मौजूद अन्य कैदियों के साथ वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों को मिठाई खिलाई। सब को बेहोश कर तीनों ने हॉक्स ब्लेड की मदद से अपने सेल की रॉड काटी। जेल परिसर के दाहिनी ओर की 15 फीट ऊंची दीवार को चादर, शॉल, लकड़ी के खंभे व लोहे के पाइप का इस्तेमाल कर लांघा और फरार हो गए। जांच दल को कारागार के पास से लोहे की रॉड, हॉक्स ब्लेड वहीं जेल की दीवार के पास से शॉल, टूटी डॉली और लोहे का पाइप मिला।
प्राथमिक जांच में पता चला है कि तीनों कैदी लम्बे समय से हॉक्स ब्लेड का इस्तेमाल कर हर रोज जेल के कारागार की रॉड को धीरे-धीरे थोड़ा-थोड़ा करके काट रहे थे।
एक स्वंयसेवी संस्था की ओर से 25 दिसम्बर को कैदियों को सर्दी से बचने के लिए शॉल का वितरण किया गया था। उसी शॉल को लकड़ी और लोहे की पाइप में बांधकर दीवार फांदने में इस्तेमाल किया गया है।
कोलकाता पुलिस की ओर से जेल के तीन वार्डनों को निलंबित कर दिया गया है। नींद की दवा और ब्लेड कहां से आए इसकी जांच की जा रही है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) सुप्रतिम सरकार ने बताया कि कोलकाता पुलिस की ओर से महानगर व आस-पास के समस्त जिले की पुलिस को तीनों कैदियों की तस्वीरें भेज दी गई हैं। पुलिस जेल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से तीनों को दबोचने में जुटी है।