साव पर एक्शन की तैयारी में राजभवन
राज्यपाल द्वारा साव को पद से हटाने के बाद साव ने शक्तियां प्रो-वाइस-चांसलर को सौंप दीं, जिन्होंने दीक्षांत कार्यक्रम का संचालन किया और छात्रों को डिग्री प्रदान की। इसके साथ ही साव द्वारा उपाधि प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। आपको बता दें कि साव को अगस्त में बोस द्वारा ही नियुक्त किया गया था। अब बोस ने उच्च शिक्षा विभाग से राय मांगी कि क्या वह दीक्षांत समारोह को कार्योत्तर मंजूरी दे सकते हैं, जिसके बिना छात्रों को दी गई डिग्रियां अमान्य हो जाएंगी?
चांसलर ने राज्य भर के विश्वविद्यालयों के कार्यवाहक कुलपतियों की एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई और उच्च शिक्षा नियामक के साथ आगे की चर्चा करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया। राजभवन ने पहले भी चेतावनी दी थी कि वह साव के खिलाफ जांच शुरू करेगा, साथ ही यह भी कहा जा रहा हैं कि वह इस पर कानूनी राय ले रहा है कि क्या अनाधिकृत दीक्षांत समारोह का खर्च उनके वेतन से काटा जा सकता है?