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कोलकाता

AFTER LOCKDOWN _ नए जोश के साथ पटरी पर लौटती जिंदगी ने पकड़ी रफ्तार

BENGAL NEWS-बड़ाबाजार में चहल-पहल शुरू, करीब 67 दिनों बाद महानगर में खुली दुकानें, पिछले समय की अपेक्षा सडक़ों पर चहल-पहल ज्यादा

कोलकाताJun 01, 2020 / 05:45 pm

Shishir Sharan Rahi

AFTER LOCKDOWN _  नए जोश के साथ पटरी पर लौटती जिंदगी ने पकड़ी रफ्तार

AFTER LOCKDOWN _ नए जोश के साथ पटरी पर लौटती जिंदगी ने पकड़ी रफ्तार

कोलकाता. पूरी दुनिया में कहर बरपाने वाली महामारी कोरोना वायरस नोवेल कोविड 19 के संक्रमण रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के साथ करीब 67 दिनों बाद सोमवार को ज्यादातर पाबंदियां हटने से बाजारों के खुलते ही महानगर में नए जोश के साथ पटरी पर लौटी जिंदगी ने रफ्तार पकड़ ली। इसके साथ ही कोलकाता में मिनी राजस्थान के नाम से मशहूर बड़ाबाजार में चहल-पहल शुरू हो गई। लॉकडाउन में छूट प्रभावी होने के साथ ही बड़ी संख्या में लोग सडक़ों पर उतरे जिससे सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन हुआ। कई इलाकों में काफी संख्या में वाहन भी नजर आए। लॉकडाउन के दौरान बंद कई दुकानें भी छूट के साथ फिर से खुल गईं। बड़ाबाजार में कई दिनों से वीरान पड़े बांसतल्ला, बड़तल्ला, गणेश टाकीज, मालापाड़ा, कलाकार स्ट्रीट, सुतापट्टी, ब्रेबर्न रोड, एनएस रोड, जमुनालाल बजाज स्ट्रीट, पगैय्या पट्टी, रवीन्द्र सरणी, चितपुर, मछुआ फल मंडी, कलाकार स्ट्रीट आदि जगहों पर लोगों के आवागमन से सोमवार पूरे दिन हलचल बनी रही। ग्राहकी ज्यादा न होने के बावजूद पूरे दिन चहल-पहल रही। लोग बीते दिनों को एक दुस्वप्न समझ अपनी बेपटरी जिंदगी को पटरी पर लाने में जुट गए। फल, कपड़ा, स्टेशनरी, किताब दुकान खुली पर ग्राहकी बहुत ज्यादा नहीं नजर आई। सैलून भी खुले जिसमें कम संख्या में ग्राहक थे। बाजारों में कुछ दुकाने खुलने और कुछ के बन्द रहने से मिलाजुला असर दिखा लेकिन पिछले कुछ समय की अपेक्षा सडक़ों पर चहल-पहल ज्यादा रही। सोमवार सुबह १० बजे से ही लोग नई उम्मीदों के साथ चेहरे पर एक अलग खुशी लिए मास्क, दास्ताने आदि पहन कर अपने कार्यस्थल की ओर जाते दिखाई दिए।

धरे के धरे रह गए सोशल डिस्टेंसिंग नियम
आवागमन साधन कम होने के कारण बसों में भीड़ होते ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियम धरे के धरे रह गए। मिठाई दुकान, कपड़ा बाजार, आभूषण आदि के अलावा भी कई चीजों की दुकानें खुली। बाजार खुलने से एक तरफ जहां व्यवसायी वर्ग खुश दिखा वहीं मोटिया, मजदूर, ठेला चालक आदि के उदास चेहरे भी खिल उठे। लॉकडाउन 4 खत्म होने के बाद हर वर्ग ने राहत की सांस ली और इतने दिनों तक घरों में कैद रहने के बाद खुले आसमान में भ्रमण करने का अनुभव किया। कुछ प्रतिष्ठानों पर ग्राहकों के लिए सैनेटाइजर-मास्क आदि की व्यवस्था भी नजर आई। तो कहीं सामाजिक दूरी के नारे का उपहास उड़ा। ग्राहकों की भीड़ देख दुकानदारों ने सारे नियम भी ताक पर रख कर दुकानदारी की। कड़ी धूप के बीच सामान ढोते पसीने से तरबतर ठेला चालकों पर बाजारों के खुलने की खुशी भारी रही। कई दिनों बाद आए कुछ दुकानदारों ने महीनों से बन्द दुकानों में साफ-सफाई की तो कुछ ने अपने पुराने कामों को निपटाने में पूरा दिन बिताया। बड़ाबाजार के व्यवसायी नरोत्तम बंसल ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि जब सरकार ने छूट दी है तो बाजार खुलेंगे ही लेकिन इसमें हमारी भी जिम्मेदारी है कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क आदि का प्रयोग करते हुए ग्राहकों को जागरूक करें और अनावश्यक भीड़ से बचें। मालापाड़ा निवासी हंसमुख श्रीमाली ने बाजार खुलने पर खुशी जताते हुए कहा कि जब तक कोरोना की कोई दवा नहीं बन जाती मन में डर बना रहेगा। पर इस डर से कब तक डरते रहेंगे। काकुरगाछी स्थित रेडीमेड कपड़ा शोरूम के मालिक मनीष गुप्ता ने बताया कि एक डर का माहौल है। बस में बैठा व्यक्ति नहीं जानता कि उसके बगल वाले यात्री का स्वास्थ्य कैसा है? लेकिन कितने दिन घर में बैठेंगे आखिर तो बाहर निकलना ही होगा। रेडिमेड कपड़े के व्यवसायी विजय रंगा, रेनकोट व छाता व्यापारी रजत सिंघी आदि ने भी हर्ष जताया।

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