घोर नक्सल इलाके में तैनात जवान बच्चों से सीख रहे हल्बी, बदले में दे रहे अंग्रेजी-गणित का ज्ञान
- कोंडागांव में तैनात आईटीबीपी की कवायद से नक्सलियों की सक्रियता में कमी
- आईटीबीपी के जवान इन दिनों ग्रामीण बच्चों से सीख रहे हैं स्थानीय बोली-भाषा

कोंडागांव. छत्तीसगढ़ के कोंडगांव (Kondagaon) जिले के अंदरूनी इलाकों में नक्सलियों से सुरक्षा के लिए तैनात किए गए आईटीबीपी के जवान (ITBP Jawan) इन दिनों ग्रामीण बच्चों से स्थानीय बोली-भाषा सीख रहे हैं। वहीं, उसके बदले में जवान उन्हें अंग्रेजी व गणित सीखने में मदद कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं घोर नक्सल इलाका हलेड़ी की, जहां दो साल पहले ही आईटीबीपी 41वीं बटालियन की सी कंपनी सुरक्षा के लिहाज से तैनात की गई है। इनके यहां तैनात होने के बाद से इलाके में नक्सलियों की सक्रियता कम होने के साथ ही अब लोग जागरूक व शिक्षित होने लगे हैं।
बता दें कि इलाके में तैनात सुरक्षाबलों के द्वारा समय-समय पर ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं के साथ ही अन्य जानकारी दी जाती रहती है। इससे अब ग्रामीण इन जवानों के मित्र तो बन गए हैं, लेकिन भाषा-बोली इलाके में सुरक्षाबलों के लिए नक्सलियों से ज्यादा बड़ी चुनौती है। इसलिए यहां तैनात जवान स्थानीय भाषा-बोली भी सीख रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते जब स्कूल बंद हो गए तो जवानों ने स्थानीय बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया और बच्चों को ग्रुप में बांटकर अंग्रेजी, हिन्दी, गणित सहित अन्य विषयों को पढ़ा रहे हैं। इसके बदले में बच्चे भी जवानों को अपनी बोली में इन्हें पारंगत कर रहे हैं।
जंगल में जवान लगा रहे स्मार्ट क्लास
बच्चों की पढ़ाई को और रुचिकर करने के लिए जवानों के द्वारा स्मार्ट क्लास लगाई जा रही है। जहां बच्चों को इंटरनेट से विभिन्न कार्टूनों के माध्यमों से अंग्रेजी के अल्फाबेट आदि पढ़ाए जा रहे हैं। इसके साथ ही बच्चों को मोटिवेशनल शार्ट स्टोरी आदि दिखा रहे हैं, जिससे बच्चों की संख्या धीरे-धीरे क्लास में बढ़ती जा रही है। इलाके में भले ही इंटरनेट की दिक्कत है, लेकिन जवानों ने बच्चों की खातिर पेड़ों पर डोंगल लगाकर अपने इंटरनेट के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
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आईटीबीपी के सहायक कमाडेंट विनोद कुमार ने कहा, जब हमने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया तो बच्चे भी हमें उनकी भाषा-बोली सीखने में सहायता कर रहे हैं। उच्चधिकारियों के निर्देशन में यहां विभिन्न कक्षाओं की क्लास लगाई जा रही है।
हलेड़ी के सरपंच बलिराम सोढ़ी ने कहा, स्कूल बंद हैं तो जवानों के द्वारा हमारे बच्चों को अच्छे से पढ़ाया जा रहा है। इससे वे आगे चलकर इलाके का नाम रोशन करेंगे। हमारे बच्चें यहां इंटरनेट से पढ़ाई कर रहे है, जो हमने कभी नहीं सोचा था।
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