इधर बिजली विभाग के मुख्यालय से बिल वसूली का अफसरों पर बेहद दबाव है। बकाया बिल वसूली नहीं होने के कारण शहर के दो सहायक अभियंताओं के साथ ही कार्यपालन अभियंता का वेतन भी विभाग ने रोक दिया है। आगामी एक माह के भीतर शत प्रतिशत बिजली बिल वसूली का आदेश भी दिया है। फिलहाल विभाग (Electricity Department) का मुख्य फोकस बड़े बकायादारों पर है। ये सभी ऐसे बकायादार हैं जिनका 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का बिजली बिल बकाया है। राशि इससे अधिक भी हो सकती है। इस श्रेणी के उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 3600 है।
70 करोड़ है कुल बकाया
जिले के तीन जोन दर्री, तुलसीनगर और पाड़ीमार को मिलाकर 70 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है। वर्तमान में विभाग द्वारा बिल वसूली के लिए बकायादारों के खिलाफ कड़ाई से अभियान भी चलाया जा रहा है। बावजूद इसके विभाग को आशातीत सफलता नहीं मिल रही है।
हर दूसरे बिल में विवाद
बिल वसूली करना बिजली विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। मैदानी अमले से विभाग को जानकारी मिल रही है कि हर दूसरे बिल में किसी न किसी तरह की गड़बड़ी है। जिसके कारण बिल वसूली में दिक्कत हो रही है। त्रुटिपूर्ण बिजली बिल भी इस तरह की समस्या के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं।