राजेश और सुंदर की बातों को सुनने के बाद लक्ष्मण को भरोसा हो गया। ठगों ने लक्ष्मण को एक पराडो कार और अन्य सामान देने का भी झांसा दिया। ठगों के बनाए जाल में फंसकर लक्ष्मण ने दो लाख ८६ हजार रुपए जमा कर दिया। इसके बाद ठगों ने लक्ष्मण को झांसे में लेने के लिए और सब्जबाग दिखाये। लॉटरी की राशि नहीं मिली। लक्ष्मण को संदेह हुआ। उसने पैसे लौटाने की मांग की। ठगों ने नई-नई शर्तों को थोप दिया और लक्ष्मण उनकी जाल में फंसता गया। ठगों ने 100 रुपए के एक स्टॉम्प पर लक्ष्मण को लिखकर दिया कि लॉटरी की राशि आयकर जमा करने पर दी जाएगी। किस्तों मेें लक्ष्मण ने ठगों के खाते में सात लाख 65 हजार रुपए जमा किया। इसके बाद भी लॉटरी की राशि नहीं मिली। लक्ष्मण ने घटना की शिकायत स्थानीय स्तर पर पुलिस से की। पुलिस ने कार्रवाई नहीं किया। तब लक्ष्मण ने पुलिस मुख्यालय में अर्जी लगाया। बयान जारी करने की प्रक्रिया शुरू हुई। अब मुख्यालय के पत्र को आधार मानकर पुलिस ने ठगों के खिलाफ सात लाख 65 हजार रुपए की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। Fraud
लॉटरी की राशि के लिए बेच दी जमीन
लक्ष्मण ने पुलिस को बताया है कि लॉटरी की राशि पाने के लिए पुस्तैनी जमीन को बेच दिया। खेतीहर भूमि को गिरवी भी रखा है। इसके बाद से लक्ष्मण कंवर की आर्थिक स्थित खराब हो गई है।