डोर टू डोर शुरू होते ही ठेकेदारों की मनमर्जी बढ़ी
डोर टू डोर कचरा कचरा कलेक्शन शुरू होते ही ठेकेदारों की मनमर्जी बढ़ गई है। दरअसल उनका 70 फीसदी काम अभी महिलाएं कर रही है। ठेकेदारों को सिर्फ सड़क पर झाडू़ लगाना और नालियों की सफाई करना रह गया है। लेकिन ये काम भी सही तरीके से नहीं हो रहा है। किसी वार्ड में सुबह 3 लेबर लग रहे हैं तो कहीं 5, मोहल्लों के हिसाब से श्रमिक काम पर नहीं लग रहे हैं।
उपक्रम वाले वार्डों में और भी बदतर स्थिति
निगम क्षेत्र में आने वाले उपक्रम वाले वार्डों की स्थिति और भी बद्तर है। १२ वार्डों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। सबसे अधिक बदहाल स्थिति सीएसईबी और एसईसीएल के कॉलोनियों की है। सीएसईबी के पूर्व कॉलोनी में जगह-जगह कचरे का ढेर लगा हुआ है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम ठंडा पड़ा है। इस वजह से मच्छर बढ़ गए हैं। पश्विम कॉलोनी में भी यही स्थिति है। उसके बाद भी इन उपक्रमों को नोटिस तक नहीं जारी किया जा रहा है।
यहां लगे कचरे के ढेर
एसबीआई मेन ब्रांच रोड पर पडऩे वाले चौक पर इस तरह कचरे का ढेर अकसर लगा होता है। कचरा नहीं उठाया जा रहा। आरएसएस नगर के कृष्णानगर मोहल्ले में पिछली बार आयुक्त ने ठेकेदार पर जुर्माना ठोंका था। अब फिर से वही स्थिति हो गई है। निहारिका टॉकिज के पीछे जाने वाली गली में भी कचरा डंप होने के बाद उठाव नहीं हो रहा है। आसपास के दुकानवाले यहीं कचरा फेंक रहे हैं।
ठेका पुराना, वर्कआर्डर नया होनेे के बाद स्थिति सुधरेगी
अब भी पुराने ठेके के तहत ही सफाई व्यवस्था शहर में चल रही है। इसलिए ठेकेदारों द्वारा मनमर्जी की जा रही है। चुनाव की वजह से मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। नए वर्कआर्डर के लिए टेंडर खुलने की प्रक्रिया पूरी होने में एक महीने का समय लगेगा। उसके बाद व्यवस्था पटरी पर लौटेगी।
वीके सारस्वत, स्वास्थ्य अधिकारी, निगम कोरबा