scriptगर्भवती को नहीं मिली एम्बुलेंस, दर्द में तड़पती रही, पेट में पल रहे बच्चे की मौत, छाया मातम | Pregnant woman did not get ambulance, she kept on suffering in pain, unborn child died, mourning prevailed | Patrika News
कोरबा

गर्भवती को नहीं मिली एम्बुलेंस, दर्द में तड़पती रही, पेट में पल रहे बच्चे की मौत, छाया मातम

CG News: कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान नवजात की मौत हो गई।

कोरबाApr 20, 2024 / 03:20 pm

Shrishti Singh

Korba News: जब से छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया तब से सत्तासीन सरकारें यह कहने से नहीं थकतीं कि प्रदेश में विकास की गंगा बह रही है। लेकिन विकास की गंगा धरातल पर किसके द्वार पहुंची यह देखना है तो छत्तीसगढ़ की संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा की स्थिति को जानना होगा। यह जनजाति आज भी विकास की मुय धारा से दूर है। न तो इनके घरों तक पहुंचने के लिए रास्ते हैं और न ही स्वास्थ्य की सुविधाएं।

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इलाज के अभाव में ही जनजाति परिवार के कई सदस्य मारे जाते हैं। नया मामला विकासखंड कोरबा अंतर्गत स्थित ग्राम चिरईझुंझ से सामने आया है। यहां समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने और अस्पताल आने में देरी के कारण संरक्षित जनजाति में पैदा होने वाले शिशु की मौत हो गई। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल है। नया मामला पहाड़ी कोरवा गर्भवती महिला को समय पर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने पर उसके नवजात की मौत का मामला सामने आया है।

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ग्राम चिरईझुंझ निवासी पहाड़ी कोरवा राजेश की पत्नी को बुधवार को प्रसव पीड़ा हुई। उन्होंने एंबुलेंस से संपर्क किया। कई घंटे बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंची। इस बीच महिला ने नवजात को जन्म दी। नवजात काफी कमजोर था। इसके बाद परिवार के सदस्यों ने डॉयल 112 को कॉल किया। टीम मौके पर पहुंची। लेकिन गाड़ी गांव तक नहीं पहुंची। ऐसे में टीम ने डेढ़ किलोमीटर तक कांवर में प्रसूता व नवजात को लेकर पैदल चले। इसके बाद कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान नवजात की मौत हो गई। मौत का कारण शिशु के वजन का कम होना और समय से पहले प्रसव का होना बताया गया है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि समय पर अस्पताल पहुंचने से शिशु की जान बच सकती थी।

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