जल संसाधन विभाग (Water resource department) बैकुंठपुर द्वारा वर्ष 1980 में खांड़ा जलाशय (Khada dam) का निर्माण कराया गया था, जिससे ग्राम खांड़ा सहित 2 अन्य गांव की 225 हेक्टेयर से अधिक जमीन की सिंचाई करने पानी मिलता था। बुधवार की सुबह करीब 6 बजे अचानक बांध टूट गया। जलाशय का पानी खेतों में तेजी से बहने से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।
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बांध से पानी रिसने की की गई थी शिकायत
ग्राम खांड़ा के किसानों का कहना है कि वर्ष 2020 वर्ष में बारिश से पहले बांध (Dam) के क्षतिग्रस्त मेड़ की मरम्मत कराने को लेकर जल संसाधन विभाग बैकुंठपुर कार्यालय में सूचना दी गई थी। मरम्मत नहीं कराने के कारण मेड़ के नीचे से लगातार पानी निकल रहा था। बावजूद जल संसाधन विभाग ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
मेड़ क्षतिग्रस्त होने के बाद गेट नहीं खोला
ग्रामीणों ने बारिश के पहले बांध का मेड़ (Dam breakdown) क्षतिग्रस्त होने की मौखिक शिकायत कर मरम्मत कराने मांग रखी थी। बावजूद क्षतिग्रस्त जलाशय के दोनों गेट को खोलकर पानी नहीं छोड़ा गया था। इससे बुधवार की सुबह मेड अचानक फूट गया और पूरा पानी बह गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि जल संसाधन के एक चहेते इंजीनियर (Engineer) के भरोसे हर साल लाखों रुपए खर्च कर जलाशयों के गेट की मरम्मत कराई जाती है। कागजों में मरम्मत तो दिखाई देती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है।
मछली पकडऩे उमड़ी लोगों की भीड़
खाड़ा जलाशय का पूरा पानी खेतों में बह गया। ऐसे में बांध में पानी न के बराबर बचा। यह देख ग्राम खांड़ा सहित आसपास गांव के काफी संख्या में लोग मछली पकडऩे (Fishing) पहुंचे थे। क्षतिग्रस्त बांध के पास मेले जैसा जमावड़ा लगा हुआ था।
खांड़ा जलाशय फूटने की जानकारी मिलने के बाद जल संसाधन कार्यपालन अभियंता वीएस साहू, विभागीय इंजीनियर सहित प्रशासनिक अफसर, जनप्रतिनिधि पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों से चर्चा कर बांध फूटने, फसल नुकसान को लेकर चर्चा करने के बाद जल्द मुआवजा प्रकरण बनाने का आश्वासन दिया गया है।
संसदीय सचिव बोलीं- जांच कर की जाएगी कार्रवाई
यदि विभागीय अधिकारियों से चूक हुई है, तो इस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। मामले में सिंचाई मंत्री को अवगत करा दिया गया हैं। वहीं फसल नुकसान का आंकलन कर उचित मुआवजा दिया जाएगा। किसानों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, उनके साथ शासन-प्रशासन खड़ा है।
अम्बिका सिंहदेव, संसदीय सचिव
राजस्व टीम नुकसान का कर रही सर्वे
बांध फूटने से ग्राम खांड़ा सहित तीन गांव में लगी फसल को नुकसान होने की बात कही जा रही है। राजस्व टीम गांव में सर्वे कर रही है। वहीं खांड़ा बांध से करीब 225 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होती थी।
वीएस साहू, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन बैकुंठपुर