scriptBreaking : आरईएस के ईई ने रिटायर होने से पहले 15 महीने में खेला ऐसा खेल, जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान | RES EE done 35 lakh's fictitious before retiring | Patrika News
कोरीया

Breaking : आरईएस के ईई ने रिटायर होने से पहले 15 महीने में खेला ऐसा खेल, जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

अधीक्षण अभियंता कार्यालय अंबिकापुर ने सिटी कोतवाली बैकुंठपुर को उपलब्ध कराए 164 पेज के दस्तावेज, दर्ज की गई एफआईआर

कोरीयाFeb 07, 2018 / 02:16 pm

rampravesh vishwakarma

RES office

RES office

बैकुंठपुर. ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग बैकुंठपुर के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता ने रिटायर्ड होने से ठीक पहले 15 महीने में 35 लाख 21 हजार का फर्जीवाड़ा कर सरकारी राशि डकार ली। मामले में अधीक्षण अभियंता ने जांच कराई। इसमें मामला सही पाए जाने पर 164 पेज की रिपोर्ट प्रस्तुत कर सिटी कोतवाली में अपराध दर्ज कराई है।

कोरिया जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बैकुंठपुर में एके वर्मा को 10 जून 2014 को कार्यपालन अभियंता के पद पर पदस्थ किया गया था। करीब 15 महीने की सेवा कर वे 31 अगस्त 2015 को रिटायर हो गए थे। इस दौरान कार्यपालन अभियंता ने 35 लाख 20 हजार 903 रुपए का फर्जी निर्माण कार्य कराकर पूरी राशि डकार ली।
मामले में फर्जीवाड़ा होने की जानकारी मिलने पर अधीक्षण अभियंता अंबिकापुर ने जांच कराई थी। इसमें बिना निर्माण कार्य कराए ही फर्जी तरीके से पूरी राशि निकालने की पुष्टि की गई। कार्यपालन अभियंता के सेवानिवृत्त होने के करीब ढाई साल बाद सिटी कोतवाली बैकुंठपुर में फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराई गई थी।
अधीक्षण अभियंता ने कार्यालय में कार्य करने वाले सहायक ग्रेड-3 निधि कुमार साहू के माध्यम से अपराध दर्ज कराई है। कोतवाली पुलिस ने 134 पेज की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यपालन अभियंता के खिलाफ धारा 409 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।

बिल व वाउचर भेजा गया महालेखाकार रायपुर
शिकायतकर्ता के अनुसार सेवानिवृत्त व तत्कालीन कार्यपालन अभियंता द्वारा पदस्थापना के समय वित्तीय अनियमितता की जांच की गई है। जांच प्रतिवेदन में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि की गई है।
मामले में बैकुंठपुर कार्यालय ने समस्त बिल एवं वाउचर की मूल प्रति कार्यालय महालेखाकार रायपुर को मासिक लेख के साथ पहले ही भेज दिया है। जिससे कोतवाली पुलिस को 164 पेज की जांच प्रतिवेदन की प्रति तथा समस्त बिल वाउचर की प्रमाणित छायाप्रति संलग्न की गई है।

राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी मामले की जानकारी
अधीक्षण अभियंता के आवेदन पत्र में यह लिखा है कि प्रकरण से संबंधित जरूरी अभिलेख सहायक ग्रेड-3 के माध्यम से प्रेषित है। विचाराधीन प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने अधिकृत किया गया है। सकारात्मक पहल कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर एक प्रति भिजवाने का कष्ट करें। इससे वरिष्ठ कार्यालय को मामले की जानकारी व अन्य कार्रवाई करने के लिए अवगत कराया जा सकेगा।
अभिलेख की प्रमाणित छायाप्रति 164 पेज में संलग्न है। जांच प्रतिवेदन में बिना कार्य कराए ही फर्जी तरीके से देयक तैयार कराकर 35 लाख 20 हजार 903 रुपए का आहरण किया गया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो