भीमगंजमण्डी निवासी आशीष जैन ने सागवाड़ा थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि उसका मित्र मुम्बई निवासी उन्मेष शेनवी के फोन पर तीन साल पहले किसी व्यक्ति का फोन आया और कहा कि उसका नाम मावजी है और वह राजस्थान के डूंगरपुरा जिले के सागवाड़ा से बोल रहा है। वह सिद्धियां जानता है और लोगों की आर्थिक समस्याओं का निवारण करता है। उसके बाद उसने मई 2021 को फिर फोन किया। यह जानकारी उन्मेष ने उसके मित्र कोटा निवासी आश्ीाष जैन को दी। उसने आशीष को फोन कांफे्रस में लेकर उस व्यक्ति से बात कराई तब उसने कहा कि दोनों को सागवाड़ा आना होगा। इस पर उन्मेष व आशीष 2 सितम्बर को सागवाडा़ गए। 3 सितम्बर को भूपेश नाम का व्यक्ति उन्हें मावजी के घर ले गया। वहां मावजी ने उन्हें उसके गुरु से मिलवाया। वहां पूजा-पाठ की विधि देखी। तब गुरु ने दो व्यक्ति जो पालघर महाराष्ट्र के थे, उनको एक बैग में रुपए रखकर दिए और उस पर ताला लगाकर दोनों व्यक्तियों को दे दिया। कहा कि बिना पिछे देखे जाना। इसके बाद उन्मेष व आशीष कोटा आ गए। वहां से पूछा गया कि वापस सागवाड़ा कब आने वाले हो। 30 सितम्बर उन्मेष व आशीष 11 लाख रुपए लेकर सागवाड़ा पहुंच गए। वहां 11 लाख रुपए निकाल कर मावजी को दिए। गुरु ने रुपयों को लाल कपड़े में बांधकर थैली में रख दिए। थैली एक डिब्बे में रख ताला लगा दिया। दोनों से कहा कि डिब्बा लेकर चले जाओ। कोटा आने के बाद वहां से फोन आया कि गुरु के जोड़ीदार गुरु का निम्बाहेड़ा में मृत्यु हो गई है तो वह कोटा नहीं आ पाएंगे। उसके बाद गुरु से कई बार सम्पर्क किया तो कहा कि नवरात्रि के पहले दिन कोटा आकर अधूरी पूजा पूर्ण करेंगे। नवरात्रि के पहले दिन बोला की गुरु की तबीयत ठीक नहीं, वह वेटीलेटर पर हैं नहीं आ सकते। इस पर उन्हें शक हुआ और डिब्बा खोलकर देखा तो उसमें 11 लाख रुपए नहीं थे। रुपयों की जगह गुलाबी रंग के कपड़े में सादा कागज निकले। वह 9 अक्टूबर को सागवाड़ा भी गए, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। मावजी, भूपेश व उनके गुरु तथा दो अन्य लोग जो महाराष्ट्र के बताए थे, सभी ने मिलकर सोची समझी साजिश कर उनके ठगी कर ली। आशीष जैन ने सागवाड़ा पुलिस थाने में 10 अक्टूबर को आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दी। पुलिस ने रिपोर्ट पर धारा 420,406,120 बी आईपीसी में मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया।