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मेज नदी दुखान्तिका : मेरा मोनू कहां है…शव देख बेसुध हुई मां

शवों से चादर हटाकर मां तलाशती रही अपने कलेजे के टुकड़े को

कोटाFeb 26, 2020 / 09:28 pm

shailendra tiwari

मेरा मोनू कहां है...शव देख बेसुध हुई मां

मेरा मोनू कहां है…शव देख बेसुध हुई मां

कोटा. जवाहर नगर निवासी अशोक वर्मा के घर पर 24 शव पहुंचे तो हर तरफ से विलाप और करुण क्रंदन सुनाई पड़ रहा था। दूर-दराज रहने वाले रिश्तेदार रोते-बिलखते हुए पहुंच रहे थे। जब अर्थियां एम्बुलेंस में रखकर रवाना होने ही वाली थी तो एक महिला दौड़ती हुई आई। वह चिल्ला रही थी…, मुझे मोनू नहीं दिख रहा है, मेरा मोनू कहां है, मुझे बताओ…, कोई तो बताओ…।
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वह अपने कलेजे के टुकड़े का इधर-उधर तलाश रही थी। फिर एम्बुलेंस की ओर दौडऩे लगी तो दो महिलाओं ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन मां की ममता नहीं मानी और भीड़ के बीच दौड़ती आई। एम्बुलेंस में शवों से सफेद चादर हटाकर मोनू की तलाश करती रही। एक एम्बुलेंस के पास जाकर बोली भैय्या सही बताओ मेरा मोनू कहां है.., अर्थी को लेकर बैठे रिश्तेदारों ने कहा, मोनू यहां नहीं है.. तो वह नहीं मानी, वह एम्बुलेंस पर चढऩे लग गई।
यह सब देखकर शव को लेकर बैठे परिजन की भी रुलाई फूट पड़ी…वह धीमी आवाज में बोला…मोनू नहीं रहा…मोनू हम सब को छोड़ कर चला गया…यह सुनते ही मां दहाड़े मार-मार कर रोने लगी…उसका कजेजा फट गया। वह अपने सिर को एम्बुलेंस पर मारने लगी और फिर बेसुद हो गई। परिजन महिला को टेंट में ले गए।

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भगवान हम से ऐसी क्या गलती हुई, जो ऐसी सजा दी…
अपने 23 रिश्तेदारों को खो चुके अशोक वर्मा को भी पत्नी और बच्चों के साथ कार्यक्रम में जाना था, लेकिन बच्चों की परीक्षा होने तथा पिता की बरसी होने के कारण दिन में कार से जाने का कार्यक्रम तय हुआ था। अशोक वर्मा के घर से सुबह 7.30 बजे सवाईमाधोपुर के लिए बस रवाना हुई थी। वर्मा घर पर ही थे, सुबह 10 बजे फोन आया कि बस नदी में गिर गई और रिश्तेदारों के मरने की सूचना मिली तो तीन-चार रिश्तेदारों को लेकर कार से लाखेरी के लिए रवाना हो गए। अशोक की पत्नी तो घटना के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही थी, एक ही शब्द बोली…भगवान हम से ऐसी क्या गलती हो गई थी, जो यह सजा दी है।

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