बूंदी बस हादसा :मुख्यमंत्री ने मृतक आश्रितों को 2-2 लाख व घायलों को 40-40 हजार की घोषणा ,जताई संवेदना
वह अपने कलेजे के टुकड़े का इधर-उधर तलाश रही थी। फिर एम्बुलेंस की ओर दौडऩे लगी तो दो महिलाओं ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन मां की ममता नहीं मानी और भीड़ के बीच दौड़ती आई। एम्बुलेंस में शवों से सफेद चादर हटाकर मोनू की तलाश करती रही। एक एम्बुलेंस के पास जाकर बोली भैय्या सही बताओ मेरा मोनू कहां है.., अर्थी को लेकर बैठे रिश्तेदारों ने कहा, मोनू यहां नहीं है.. तो वह नहीं मानी, वह एम्बुलेंस पर चढऩे लग गई।बूंदी बस हादसा : 22 शवों की चिता को देख भावुक हुए लोकसभा अध्यक्ष,अंत्येष्टि में शामिल हुए
भगवान हम से ऐसी क्या गलती हुई, जो ऐसी सजा दी…अपने 23 रिश्तेदारों को खो चुके अशोक वर्मा को भी पत्नी और बच्चों के साथ कार्यक्रम में जाना था, लेकिन बच्चों की परीक्षा होने तथा पिता की बरसी होने के कारण दिन में कार से जाने का कार्यक्रम तय हुआ था। अशोक वर्मा के घर से सुबह 7.30 बजे सवाईमाधोपुर के लिए बस रवाना हुई थी। वर्मा घर पर ही थे, सुबह 10 बजे फोन आया कि बस नदी में गिर गई और रिश्तेदारों के मरने की सूचना मिली तो तीन-चार रिश्तेदारों को लेकर कार से लाखेरी के लिए रवाना हो गए। अशोक की पत्नी तो घटना के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही थी, एक ही शब्द बोली…भगवान हम से ऐसी क्या गलती हो गई थी, जो यह सजा दी है।