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Transcon 2017: 2017 तक भी नहीं हुआ पूरा 2005 का स्वैच्छिक रक्तदान का लक्ष्य

कोटा. ISBTI, मेडिकल कॉलेज कोटा व ब्लड बैंक सोसायटी की ओर से तीन दिन से चल रही 42 वीं ‘कांफ्रेंस ट्रांसकोन 2017’ का रविवार को समापन हो गया।

कोटाDec 10, 2017 / 10:39 pm

abhishek jain

ट्रांसकोन 2017
कोटा .

आईएसबीटीआई, मेडिकल कॉलेज कोटा व ब्लड बैंक सोसायटी की ओर से तीन दिन से चल रही 42 वीं ‘कांफ्रेंस ट्रांसकोन 2017’ का रविवार को समापन हो गया। समापन समारोह में फेडरेशन ऑफ वॉलेन्टररी ब्लड डोनेशन के अध्यक्ष डॉ. एनके भाटिया ने कहा कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2002 में पॉलिसी बनाई थी, जिसमें 2005 तक 100 प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान का लक्ष्य हासिल करना था। आज 2017 में हम केवल 50 प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान तक ही पहुंच पाए हैं। ऐसे में डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी टारगेट के अनुसार 2020 तक 100 प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान करने के लिए कृतसंकल्प होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भी 50 से 60 प्रतिशत रक्त रिप्लेसमेंट से ही प्राप्त हो रहा है। यह चिंताजनक है। इसमें सरकार और एनजीओ दोनों को ही अपनी भूमिका बढ़ानी होगी।

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प्लेटलेट नहीं, पानी दें डेंगू रोगी को
चण्डीगढ़ मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गगनदीप कौर ने कहा कि डेंगू के मरीज को पानी अधिक पीना चाहिए। अच्छी डाइट लेने और नींबू और नारियल आदि का पानी लेने पर प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता नहीं रह जाती।
प्रेग्नेंसी में बच्चे को हो जाता है एनिमिया

नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ इम्यूनो हेमेटोलॉजी मुम्बई की डिप्टी डॉयरेक्टर डॉ. स्नेहलता गुप्ता ने कहा कि आज भी प्रेग्नेंसी के समय ही बच्चे को खून की कमी होने के मामले सामने आते हैं। ऐसे बच्चों के हाथ पैर कमजोर तथा सिर व पेट बड़ा होने लगता है। बच्चे के बाहर आने के बाद तो इलाज संभव हो पाता है, लेकिन अंदर बहुत मुश्किल। इसके लिए महिलाओं में स्वयं के देखभाल की कमी जिम्मेदार है।
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सम्मानित हुए विजेता

समारोह में ओरल पेपर प्रस्तुति में डॉ. अभिनव वर्मा, डॉ. कानू निमावत को प्रथम, डॉ. नागार्जुन पालुमारू को द्वितीय, डॉ. कविता, डॉ. नीलिमा सोनी, प्रियंका भास्कर को तृतीय स्थान मिला। पोस्टर में डॉ. प्रशांत गुप्ता प्रथम, डॉ. राकेश लुहार द्वितीय व डॉ. रितु रॉय तृतीय स्थान पर रही। क्विज प्रतियोगिता में निपुण व अशोक ने प्रथम, सरिता व रश्मि ने द्वितीय, अंकुर व विवेक ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। अतिथियों ने सभी को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।

ये रहे मौजूद
समापन समारोह में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गिरीश वर्मा, आईएसबीटीआई के नेशनल प्रेसीडेंट डॉ. युद्धवीर सिंह, सचिव डॉ. टीआर रैना, राजसीको के डॉयरेक्टर डॉ. एसएस चैहान, आयोजन के चेयरपर्सन डॉ. वेदप्रकाश गुप्ता, सचिव डॉ. एचएल मीणा अतिथि के तौर पर मौजूद रहे।
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मुद्दे जो उजास में आए

-01 लाख महिलाएं देश में प्रतिवर्ष डिलीवरी में खून की कमी से मौत का शिकार हो जाती हैं।

-01 लाख 50 हजार लोग दुर्घटना के बाद रक्त नहीं मिलने से मर जाते हैं।
-75 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया, 3 से 6 प्रतिशत लोग थैलीसीमिया से ग्रस्त हैं हमारे देश में।

-01 हजार पर 3 से 5 लोग भारत में करते हैं रक्तदान, जबकि श्रीलंका में ही यह संख्या 35 है।

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