रोज 1700 रोगियों को लाभ बीपीएल जीवन रक्षा कोष के तहत कोटा में प्रतिदिन करीब 1700 रोगी लाभांवित होते हैं। इसमें ओपीडी व आईपीडी दोनों ही रोगियों को लाभ दिया जाता है। ओपीडी में करीब 1500 रोगी प्रतिदिन आते हैं जबकि आईपीडी में 150 से 200 रोगी सभी अस्पतालों में भर्ती होते हैं। एमबीएस में प्रतिदिन 250 से 300, न्यू मेडिकल कॉलेज में 1200 से 1300, जेके लोन में 100 से 125 व रामपुरा में करीब 50 से 70 बीपीएल रोगी प्रतिदिन आते हैं।
मरीजों को ऐसे पेश आएगी समस्या 1. बीपीएल जीवन रक्षा कोष योजना में पर्ची कटाने से लेकर लाखों रुपए का उपचार नि:शुल्क था जबकि भामाशाह में हर बीमारी का फिक्स पैकेज है।
2. बीपीएल रोगी को आउडडोर में दिखाने के बाद सभी जांच व दवाएं नि:शुल्क थी, भामाशाह का लाभ केवल भर्ती मरीज को ही मिलता है।
3. बीपीएल रोगी को कार्ड की कॉपी जमा कराते ही सारी सुविधाएं स्वत: चालू हो जाती थी लेकिन अब एक घंटे के अंदर दस्तावेज भामाशाह काउंटर पर जमा कराने होंगे। इस अवधि में जमा नहीं करा सका तो लाभ से वंचित होगा।
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खास दो बातें ये भी
योजना बंद होने से कोटा के 4 अस्पतालों में कार्य करने वाले 20 कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।
इस कोष में करीब प्रतिवर्ष एक से डेढ करोड़ का बजट आता था, अब
वह बचेगा। अधीक्षक एमबीएस डॉ. पीके तिवारी ने बताया की उच्चाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए हैं कि जो भी लाभ अभी बीपीएल रोगियों को दिया जा रहा है, वह जारी रहेगा। कुछ समस्या है उसे शीघ्र ही दूर कर लिया जाएगा। बीपीएल लाभार्थी को अपना बीपीएल कार्ड ई-मित्र पर जाकर भामाशाह में पंजीयन करवाना है।
बीपीएल प्रभारी एमबीएस विनोद आहूजा ने बताया की 1 अप्रेल से बीपीएल योजना बंद कर दी जाएगी, अब भामाशाह का लाभ मिलेगा। आगे सरकार के जैसे निर्देश आएंगे, वैसा करेंगे। नि:शुल्क दवा योजना की सभी दवाएं मिलेंगी।