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ये है नियम जानकार डॉक्टर ने बताया कि सरकार के नियमों में हर तीन माह या आवश्यक हो तो किसी भी माह में सोनोग्राफी कराई जा सकती है। गर्भ में बच्चे के विकृति का पता तीन माह बाद ही चल जाता है। कुछ मामलों में ये समय कम या ज्यादा हो सकता है। करीब साढ़े चार या पौने पांच माह बाद नियमानुसार गर्भपात नहीं कराया जा सकता। वहीं, परिजनों ने डॉक्टर पर जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
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सोनोग्राफी सेंटर संचालक डॉ. राजीव नारंग ने बताया कि हमारे पास 4-डी सोनोग्राफी मशीन नहीं है, जिस कारण ये हो गया है। हम जांच नहीं करते, लेकिन इनके बार-बार कहने पर जांच की गई है। सीएमएचओ डॉ. आरके लवानिया ने बताया कि जन्मजात विकृत बालिका ने जन्म लिया है तो इस मामले की जांच करेंगे।