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कोटा

राजस्थान में अब यहां नीला सोना निकलने की राह हुई आसान

बंद खदानों से निकलेगा नीला सोना , ईको सेंसेटिव जोन की परिधि दस से घटकर अब एक किलोमीटर
 
 
 

कोटाJul 10, 2020 / 12:30 am

Kanaram Mundiyar

राजस्थान में अब यहां नीला सोना निकलने की राह हुई आसान

राजस्थान में अब यहां नीला सोना निकलने की राह हुई आसान

रामगंजमंडी (कोटा). नेेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथोरिटी की ई एसजेड समिति ने मुकन्दरा टाइगर रिजर्व (Mukundra hills tiger reserve) के एक किलोमीटर से ज्यादा परिधि में आने वाली खदानों को बाहर करने की सिफारिश से रामगंजमंडी क्षेत्र में लाइम स्टोन की करीब एक दर्जन बंद खदानों से फिर से नीला सोना निकलने से श्रमिकों को अपनी बस्ती के आसपास की खदानों में रोजगार मिलेगा। टाइगर रिजर्व से एक किलोमीटर बाहर नए उद्योग स्थापित होने का मार्ग प्रशस्त होगा। जिससे नए रोजगार का सृजन होगा।
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मुकन्दरा टाइगर रिजर्व से दस किलोमीटर की परिधि को पूर्व में ईको सेंसेटिव जोन घोषित किया हुआ था। ऐसे में लाइम स्टोन की ऐसी खदानें जिनकी पर्यावरण स्वीकृति समाप्त हो चुकी थी, उन्हें दुबारा से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने के लिए नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड में आवेदन करना पड़ता था। सेंसेटिव जोन में आने से वाइल्ड लाइफ की तरफ से एनओसी नहीं मिलने के कारण लाइम स्टोन की खदानों को पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलने से खदानें बंद करने की स्थिति निर्मित हो गई थी। पर्यावरण स्वीकृति के अभाव में चेचट क्षेत्र की छह लाइम स्टोन खदानें, पीपाखेड़ी की चार लाइम स्टोन खदानों केअलावा क्षेत्र की जालिमपुरा सहित कुछ खदानों मे उत्पादन कार्य ठप हो गया था। खदानों में उत्पादन प्रक्रिया ठप होने से इसमें कार्यरत श्रमिकों को रोजगार के लिए दूरदराज की खदानों मे रोजगार के लिए भटकना पड़ता था। उत्पादन प्रक्रिया कम होने से खदानों से निकलने वाले लाइम स्टोन के रफ माल मे ंतेजी आने से फेक्ट्रियों मे प्रोसेसिंग कार्य करने वाले व्यवसायियों की परेशानी बढ़ी हुई थी। पर्यावरण स्वीकृत्ति नही मिलने से खदान मालिकों कीपरेशानी बढ़ी हुई थी। पर्यावरण स्वीकृत्ति के अभाव मे क्षेत्र की सबसे बड़ीपत्थर कंपनी एसोसिएयेट स्टोन इण्डस्ट्रीज लंबे समय तक बंद रही थी।
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मुकन्दरा रिजर्व से दस किलोमीटर की परिधि में पर्यावरण स्वीकृत्ति नही मिलने से नए उद्योग लगाने पर पूर्णतय प्रतिबंध लगा हुआ था जिसके कारण नए उद्योग दरा से कोटा व दरा से झालावाड़ जाने वाले मार्ग के दस किलोमीटर की परिधि में नहीं लग रहे थे। खदानें बंद होने व नए उद्योग पर प्रतिबंध के मामले में कोटा स्टोन स्माल स्केल, लाइम स्टोन माइनिंग एसोसिएशन ने लोक सभाध्यक्ष ओम बिरला (Loksabha speaker Om Birla ) से मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया था। बिरला ने मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री तथा अन्य अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराया था।

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